Himachal News: हिमाचल हाईकोर्ट ने विकास के नाम पर पहाड़ों के कटान पर लगाई रोक
पहाड़ों पर विकास के नाम पर लगातार पहाड़ों को काटा जा रहा है। इसी बीच हिमाचल हाईकोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया। हिमाचल हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश में विकासात्मक और भवन निर्माण जैसी गतिविधियों के लिए पहाड़ियों के कटान पर रोक लगा दी है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 24 Jan 2023 06:40 PM (IST)
शिमला, जागरण डिजिटल डेस्क। हिमाचल हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश में विकासात्मक और भवन निर्माण जैसी गतिविधियों के लिए पहाड़ियों के कटान पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने प्लानिंग एरिया और स्पेशल एरिया से बाहर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीसीपी के प्रावधानों को अंतरिम तौर पर लागू करते हुए भवनों के निर्माण की अधिकतम सीमा भी तय की है।
यह भी पढ़ें: Congress: शुरू होने जा रहा कांग्रेस का हाथ से हाथ जोड़ो अभियान, हर घर पहुंचेगा राहुल गांधी का संदेश
भवनों के निर्माण की अधिकतम सीमा तय
हिमाचल हाईकोर्ट ने गावों में रिहायशी भवनों के निर्माण की अधिकतम सीमा पार्किंग के अलावा 3 मंजिलों तक प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए हैं। 3 मंजिलों में एटिक और बेसमेंट को भी मंजिल के तौर पर गिना जाएगा। व्यवसायिक भवनों की अधिकतम सीमा 2 मंजिल और सेवाओं से जुड़े औद्योगिक भवनों की अधिकतम सीमा एक मंजिल तक बनाने की अनुमति होगी। कोर्ट के आदेशानुसार भवनों का निर्माण गांव की सड़क से 3 मीटर की दूरी पर किया जा सकेगा।पड़ोसियों की संपति से डेढ़ से दो मीटर का सेट बैक छोड़ते हुए भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी। अब गांवों में भी राष्ट्रीय राज मार्ग, राज्य मार्ग, जिला मार्ग और अन्य अधिसूचित मार्गों से भवन की दूरी कंट्रोल्ड विड्थ से 3 मीटर की दूरी पर ही किया जा सकेगा। वन भूमि से नए भवनों की दूरी 5 मीटर होना जरूरी होगा। इसके अलावा वर्षा के पानी के भंडारण के लिए टैंक और सेप्टिक टैंक का निर्माण भी अनिवार्य होगा।
पहाड़ियों की कटिंग के लिए अनुमति जरूरी
ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 1977 के बाद भूमि खरीद कर बने भू मालिकों को निर्माण करने की अनुमति संबंधित पंचायतों से लेनी होगी और पुश्तैनी मालिकों को निर्माण करने की जानकारी संबंधित पंचायत को देनी होगी। कोर्ट ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि विकासात्मक गतिविधियों के लिए आवश्यकता पड़ने पर पहाड़ियों की कटिंग के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के निदेशक की अनुमति लेना जरूरी होगा। टीसीपी डायरेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि वह पहाड़ियों की कटिंग के लिए अनुमति देने से पहले रिपोर्ट तलब करें।निर्माण की अनुमति देने से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाणपत्र भी जरूरी होगा। कोर्ट ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि यदि किसी व्यक्ति को कोर्ट के इन अंतरिम आदेशों से दिक्कत हो तो वह हाईकोर्ट में आवेदन दायर कर टीसीपी निदेशक को उसके आवेदन पर निर्णय लेने के निर्देशों की मांग कर सकता है।यह भी पढ़ें: Himachal Weather Update: भारी बर्फबारी के चलते मनाली का लाहुल से संपर्क कटा, स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।