Himachal: 'आदेश वापस लेने का कोई कारण नहीं' DGP संजय कुंडू और SP कांगड़ा के तबादले मामले में हिमाचल HC, दोनों अफसरों की याचिका रद
Himachal हाई कोर्ट ने DGP संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री का तबादला आदेश वापस लेने से इन्कार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने जांच सीबीआइ को सौंपने की दोनों अधिकारियों की दलीलों को भी नकार दिया। कोर्ट ने गृह सचिव को यह सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया कि कारोबारी निशांत की सुरक्षा में कोई चूक न हो।
विधि संवाददाता, शिमला (Himachal Pradesh News)। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने डीजीपी संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री का तबादला आदेश वापस लेने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों के आवेदनों को खारिज करते हुए कहा कि कोई कारण प्रतीत नहीं होता कि तबादले संबंधी आदेश को वापस लिया जाए।
अधिकारियों की एसआइटी गठित करने पर विचार
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने जांच सीबीआइ को सौंपने की दोनों अधिकारियों की दलीलों को भी नकार दिया। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा की ओर से अपने ऊपर जानलेवा हमले से जुड़े आरोप और संजय कुंडू द्वारा अपने ऊपर लगाए मानहानि के आरोप से जुड़ी प्राथमिकियों की जांच में समन्वय स्थापित करने के लिए आइजी स्तर के अधिकारियों की एसआइटी गठित करने पर विचार करने का आदेश दिया।
कारोबारी निशांत शर्मा ने लगाए थे आरोप
कोर्ट ने गृह सचिव को यह सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया कि कारोबारी निशांत शर्मा की सुरक्षा में कोई चूक न हो। निशांत की सुरक्षा और मामले की स्वतंत्र जांच के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है। अगली सुनवाई 28 फरवरी को निर्धारित की गई है। निशांत ने कोर्ट से एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री को निलंबित करने की मांग की थी। निशांत ने एसपी कांगड़ा पर कर्तव्यों के निर्वहन में कोताही का आरोप लगाया था।
डीजीपी तीन माह के भीतर होने वाले हैं रिटायर्ड
डीजीपी बोले, मध्यस्थता कर मामला सुलझाने का था विचार डीजीपी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि उनका निशांत से संपर्क करने का इरादा केवल इतना था कि वह दोनों पक्षकारों के बीच मध्यस्थता कर मामले को सुलझाना चाहते थे। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि वह तीन माह के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले हैं, इसलिए बेकसूर होने के नाते चाहते हैं कि पुलिस विभाग से सम्मानजनक सेवानिवृत्ति लें।कांगड़ा शालिनी को लेकर भी दिए थे आदेश
कोर्ट ने कहा, अधिकारी के रुतबे को ध्यान में रख संवैधानिक दायित्यों को नहीं भुला सकते कोर्ट ने संजय कुंडू की दलीलों से असहमति जताते हुए कहा कि अदालत किसी अधिकारी के रुतबे को ध्यान में रखकर संवैधानिक दायित्वों को नहीं भुला सकती। जहां स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच नहीं वहां निष्पक्ष ट्रायल भी नहीं हो सकता। हाई कोर्ट ने 26 दिसंबर, 2023 को डीजीपी कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी को वर्तमान पदों से हटाने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने गृह सचिव को इसके बारे में शीघ्र जरूरी कदम उठाने को कहा था। इसके बाद कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत पाते हुए तबादले पर स्थगन आदेश प्राप्त किया था। सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत पाने के बाद कुंडू ने आवेदन कर उन्हें किसी अन्य पद पर ट्रांसफर करने के हाई कोर्ट के फैसले को वापस लेने की गुहार लगाई थी। एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने भी आदेश वापस लेने की मांग से जुड़ा आवेदन दायर किया था।
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