Himachal News: बसों में पुलिस की मुफ्त यात्रा बंद होने से हर महीने 35 करोड़ अतिरिक्त होगी आय, एचआरटीसी ने किया दावा
हिमाचल पुलिस का कहना है कि वे बसों में मुफ्त यात्रा नहीं करते। उनकी सैलरी से पैसा काटा जाता है। लेकिन अब बसों में मुफ्त सफर बंद होने पर एचआरटीसी का कहना है कि इससे अब उनकी आमदनी में इजाफा होगा। मौजूदा समय तक महज 2 करोड़ 44 लाख रुपए की आय होती है। लेकिन इसके बढ़ने के आसार हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में पुलिस जवानों की निश्शुल्क यात्रा बंद करने पर घमासान मचा हुआ है। एक तरफ पुलिस जवान कह रहे हैं कि वे निश्शुल्क यात्रा नहीं करते हैं।
इसके एवज में हर महीने उनकी मासिक सैलरी से पैसा कटता है। पैसा सभी जवानों का कटता है और यात्रा केवल 20 प्रतिशत जवान ही करते हैं।लेकिन दूसरी तरफ एचआरटीसी का दावा है कि पुलिस जवानों से बस किराया लेने से सालाना 35 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। अभी तक महज 2 करोड़ 44 लाख रुपए की आय होती है। निगम को घाटे से उबारने के लिए सरकार को इस तरह के कड़वे घूंट पीने जरूरी है।
अभी कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है। इसकी अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है। निगम का दावा है कि हर महीने 110 रुपए प्रति कर्मचारी पैसा आता है। जबकि पुलिस जवान कह रहे हैं कि 210 रुपए प्रति कर्मचारी से प्रति महीने काटा जाता है।
मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र
कैबिनेट बैठक में लिए फैंसले से पुलिस कर्मचारी नाराज हैं। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को खुला पत्र लिखा था।इसमें कहा गया है कि हर वर्ष पैसा देने के बावजूद भी पुलिस कर्मचारियों को एचआरटीसी की बसों में फ्री यात्रा का टैग क्यों लगाया जा रहा है? एचआरटीसी के घाटे की वजह हिमाचल पुलिस नहीं, बल्कि एचआरटीसी का स्टाफ खुद है।पत्र में लिखा गया है कि हर महीने पुलिस कर्मचारियों के वेतन से 210 रुपये की कटौती होती है। साल में करोड़ों रुपए की राशि एचआरटीसी को दी जाती है। ऐसे में यह यात्रा फ्री कैसे हुई?
साढ़े अठारह हजार जवानों का यह पैसा कटता है जबकि बसों में सफर केवल 20 फीसदी पुलिस कर्मचारी करते हैं। इस सुविधा को बंद करने से नहीं लगता है कि एचआरटीसी को कोई मुनाफा होना वाला है।
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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी पुलिस जवानों के पक्ष में आए थे। उन्होंने कहा था कि सरकार का यह निर्णय पूरी तरह गलत है। पुलिस जवान डयूटी के लिए बसों में सफर करते हैं। इस सफर को बंद किया जाना पूरी तरह से गलत है।यह भी पढ़ें- Himachal Landslide: शिमला में टनल पर गिरा पहाड़ी का हिस्सा, एक झटके में ढह गई वर्षों की मेहनत; देखें Videoहर महीने 110 रुपए प्रति जवान के हिसाब से निगम को पैसा आता है। कैबिनेट में यह निर्णय लिया है। अभी इसको लेकर अधिसूचना जारी नहीं हुई है।
-रोहन चंद ठाकुर, एमडी एचआरटीसी