खुशखबरी! आईजीएमसी शिमला में 400 नर्सों की होगी भर्ती, सीएम सुक्खू ने किया एलान
आईजीएमसी शिमला में 400 नर्सों की भर्ती की घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने की है। उन्होंने अस्पताल में एक महीने के भीतर अस्थायी रूप से नर्सों के पद भरने ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट प्रयोगशाला तकनीशियन और रेडियोग्राफर के वेतन को दोगुना करने की भी घोषणा की है। ट्रामा सेंटर में छह मरीजों के लिए एक नर्स तैनात रहेगी।
जागरण संवाददाता, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में प्रदेश का पहला ट्रामा सेंटर लोगों को समर्पित किया। इसमें 110 बिस्तर का प्रविधान है। ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू, बर्न वार्ड, स्पेशल वार्ड, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड व एक्सरे का भी इसी भवन में प्रविधान किया है।
ट्रामा सेंटर में गुरुवार सुबह साढ़े नौ बजे के बाद आपातकालीन सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने आइजीएमसी में एक माह के भीतर अस्थायी रूप से नर्सों के 400 पद भरने, ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट, प्रयोगशाला तकनीशियन व रेडियोग्राफर का वेतन दोगुना करने की घोषणा की।
अस्पताल में अपनी लैब बनाने पर विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में इसका प्रविधान कर अगले वर्ष इसे साल लागू करेंगे। अस्पताल में अपनी लैब बनाने पर सरकार विचार कर रही है। डॉक्टरों से विचार करने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि ट्रामा सेंटर में छह मरीजों के लिए एक नर्स तैनात रहेगी।
यह भी पढ़ें- हिमाचल में शिक्षकों के 2800 पदों पर फिर फंसा पेंच, जेबीटी-टीजीटी और सीएंडवी कैटगिरी के लिए कब भरे जाएंगे पद?
यह व्यवस्था एक माह में शुरू कर दी जाएगी। इससे पहले अस्पताल में एक नर्स को 12 मरीज देखने पड़ते थे। ट्रामा सेंटर में मरीजों का उपचार आधुनिक मशीनों से किया जाएगा। पहले कई बार मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर करना पड़ता था। छह मंजिल ट्रामा सेंटर भवन का निर्माण 33.90 करोड़ रुपये से किया है। एटिक को मिलाकर नए भवन की 10 मंजिल हैं।
दो छात्रावास निर्माण के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये देने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने आइजीएमसी में तीन दिवसीय स्टिमुलस-2024 के समापन समारोह में आयोजन समिति को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आइजीएमसी के स्नातक प्रशिक्षु चिकित्सकों के लिए दो छात्रावास के निर्माण के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये देगी।
इनका निर्माण 18 माह के भीतर किया जाएगा। सरकार आइजीएमसी परिसर में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लेक्चर थियेटर निर्माण के निर्माण के लिए पर्याप्त राशि राशि जाएगी।
हिमाचल में इसलिए आवश्यक था ट्रामा सेंटर
हिमाचल में पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। गंभीर रूप से घायल लोगों को अस्पताल लाने पर वार्डों में बिस्तर की कमी के कारण परेशानी होती थी। इसलिए ट्रामा सेंटर का होना आवश्यक था।
18 वर्ष से कम के मरीजों का उपचार पहले की तरह ब्लाक-बी चौथी मंजिल बाल चिकित्सा विभाग में ही होगा। दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल 18 वर्ष से कम आयु के मरीजों को नए भवन में ही आपातकालीन सेवाएं दी जाएंगी। डॉ. राहुल राव, चिकित्सा अधीक्षक, आइजीएमसी शिमला।
यह भी पढ़ें- हिमाचल के पेंशनरों को राहत, सरकार ने 1.80 लाख लोगों को दिए पेंशन; इन लोगों को एरियर भी मिला