Move to Jagran APP

हिमाचल वालों के लिए खुशखबरी! कांगड़ा में बनेगा देश का पहला IGBC प्रमाणित चिड़ियाघर

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बनखंडी में बनने वाला ‘दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान’ भारत का पहला चिड़ियाघर होगा जिसे सतत् और पर्यावरण अनुकूल नवाचार के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) से प्रमाणन प्राप्त होगा। इस परियोजना को आधिकारिक तौर पर आईजीबीसी के साथ पंजीकृत किया गया है। यह प्रमाणन पर्यावरण संरक्षण को एकीकृत करने की राज्य सरकार की प्राथमिकता को प्रदर्शित करता है।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Thu, 31 Oct 2024 01:11 PM (IST)
Hero Image
कांगड़ा जिले के बनखंडी में देश का पहला IGBC प्रमाणित चिड़ियाघर बनने जा रहा है। प्रतिकात्मक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा जिले के देहरा विधानसभा क्षेत्र में बनखंडी में बनने वाला ‘दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान’ भारत का पहला चिड़ियाघर होगा जिसे सतत् और पर्यावरण अनुकूल नवाचार के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) से प्रमाणन प्राप्त होगा।

इस परियोजना को आधिकारिक तौर पर आईजीबीसी के साथ पंजीकृत किया गया है। प्राणी उद्यान में पर्यावरणीय मानकों की अनुपालना करते हुए भवन और परिदृष्य प्रमाणन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को ध्यान में रखते हुए विकास कर रही हैं और आईजीबीसी प्रमाणन प्रक्रिया प्रदेश सरकार की इस प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

पर्यटन गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा

यह प्रमाणन पर्यटन और बुनियादी अधोसंरचना के विकास में पर्यावरण संरक्षण को एकीकृत करने की राज्य सरकार की प्राथमिकता को प्रदर्शित करता है। दुर्गेश अरण्य पार्क पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनने के साथ-साथ यह पार्क संरक्षण और नवाचार की बेजोड़ कृति साबित होगा।

यह भी पढ़ें- 'शिक्षा के अलावा भ्रमण का खर्च भी उठाएगी सरकार', सीएम सुक्खू ने अनाथ बच्चों के साथ मनाई दीवाली; लक्ष्मी पूजा की

‘दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान’ परियोजना का पहला चरण लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से 25 हेक्टेयर भूमि में स्थापित किया जा रहा है। जिसके वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही तक पूरा होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि 619 करोड़ रुपये के लागत से निर्मित होने वाला प्राणी उद्यान पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बनेगा और इससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

पहले चरण में 34 पशुओं के बनाए जाएंगे बेड़े

पहले चरण के तहत जैव विविधता सुनिश्चित करते हुए 34 पशुओं के बेड़े बनाए जाएंगे जिसके लिए प्रदेश सरकार को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसके तहत एशियाई शेर, हॉग डियर, मॉनिटर छिपकली, मगरमच्छ, घड़ियाल और विभिन्न पक्षियों की प्रजातियों सहित 73 प्रजातियों को प्रदर्शित किया जाएगा।

चिड़ियाघर में एक नाक्टर्नल हाउस बनाया जाएगा जिसमें बिल्लियों की प्रजातियों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त चिड़ियाघर में एक वेटलैंड एवियरी में स्वदेशी प्रजातियों के पक्षियों को प्रदर्शित किया जाएगा।

रोजगार के मिलेंगे नए अवसर

उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में स्थापित हो रहे दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान से क्षेत्र में पर्यटन को नए पंख लगेंगे और युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

जिला कांगड़ा की अद्वितीय सुंदरता और प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित की जा रही पर्यावरणीय अनुकूल अधोसंरचना से कांगड़ा जिला पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन कर उभर रहा है। यह नवीन प्रयास राज्य सरकार की इको-टूरिज्म और सतत् विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है, जिससे कांगड़ा राज्य की ‘पर्यटन राजधानी’ के रूप में स्थापित हो रहा है।

यह भी पढ़ें- कुल्लू में प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान की होगी भरपाई, पुल और सड़कों की होगी मरम्मत के लिए 15 करोड़ जारी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।