Himachal Landslide: हिमाचल में 143 स्कूल बंद, 143 विद्यालय डिनोटिफाई; सरकार ने जारी किया निर्देश
Himachal Landslide प्रदेश सरकार में दो बच्चों से कम वाले प्राइमरी और मिडल स्कूलों को डी नोटिफाई कर दिया है। इसमें 117 प्राइमरी स्कूल और 26 मिडल स्कूल डी नोटिफाई हुए हैं। अब इन स्कूलों को डी डिनोटिफाई करने के बाद यहां पढ़ रहे बच्चों को साथ लगते हुए स्कूलों में पढ़ने के लिए नजदीक के सरकारी स्कूल में भेजा जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Sat, 26 Aug 2023 04:00 AM (IST)
जागरण संवाददाता, शिमला। प्रदेश सरकार में दो बच्चों से कम वाले प्राइमरी और मिडल स्कूलों को डी नोटिफाई कर दिया है। इसमें 117 प्राइमरी स्कूल और 26 मिडल स्कूल डी नोटिफाई हुए हैं। अब इन स्कूलों को डी डिनोटिफाई करने के बाद यहां पढ़ रहे बच्चों को साथ लगते हुए स्कूलों में पढ़ने के लिए नजदीक के सरकारी स्कूल में भेजा जाएगा। सरकार की ओर से जारी निर्देशों में साफ है कि स्कूल बंद होने के बाद बच्चों को साथ लगते स्कूल में या पसंद के स्कूल में भेजा जाए।
इन्हें किसी तरह की कोई औपचारिकता पूरी नहीं करनी होगी। न ही इन्हें किसी तरह की कोई फीस अदा करनी होगी। इन स्कूलों में सेवारत शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में तैनाती दी जाएगी, जिन स्कूलों में एक या इससे भी कम शिक्षक है। इसके अलावा शिक्षकों को उन स्कूलों में नहीं भेजा जाएगा. जहां पर पहले से ही शिक्षकों की संख्या ज्यादा है।
बता दें इससे पहले राज्य सरकार की ओर से कम संख्या वाले स्कूलों को डी नोटिफाई किया था। यहां पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूलों में भेजा गया था। राज्य सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। निर्देशों के मुताबिक मुताबिक प्राइमरी स्कूलों में ऊना का एक, सोलन में 7 सिरमौर में तीन ,शिमला में 24 मंडी में 19 लाहौल स्पीति 19 कुल्लू में चार किन्नौर में पांच कांगड़ा में 17 हमीरपुर में चार, बिलासपुर के छह और चंबा में 8 स्कूलों को डी नोटिफाई किया है।
इसी तरह से मिडिल स्कूलों में चंबा में दो, कांगड़ा में तीन ,लाहौल स्पीति के 7 किन्नौर के दो , मंडी में पांच, शिमला में 6 और सिरमौर में एक स्कूल को दी नोटिफाई किया है। उपायुक्त करेंगे खाली भवनों के इस्तेमाल पर फैसला संबंधित जिला के उपायुक्त खाली हुए भवनों का कैसे इस्तेमाल करना है। इस पर फैसला लेंगे। इन स्कूलों के बंद होने के बाद राज्य सरकार के 143 छोटे या ब़ड़े सरकारी भवन खाली होंगे। इन भवनों की कहां ज्यादा जरुरत है. इसे देखते हुए उपायुक्त फैसला ले सकेंगे।
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