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Himachal Politics: स्पीकर ने नहीं मंजूर किया इस्तीफा तो तीनों निर्दलीय विधायकों ने दिया अल्टीमेटम, धरना शुरू...

Himachal News हिमाचल प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा अध्‍यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है। उन्‍होंने कहा कि अगर इस्‍तीफा नहीं स्‍वीकार किया गया तो वे तीन दिन बाद हाई कोर्ट का रुख लेंगे और वे इसके खिलाफ याचिका दायर करेंगे। तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को इस्तीफा दिया था और 23 मार्च को भाजपा का दामन थाम लिया था

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 30 Mar 2024 01:50 PM (IST)
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Himachal News: स्पीकर ने नहीं मंजूर किया इस्तीफा तो तीनों निर्दलीय विधायकों ने दिया अल्टीमेटम, धरना शुरू...
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के तीनों निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा में पुस्तकालय के बाहर धरना शुरू कर दिया है। तीनों विधायकों ने कहा है कि दो से तीन दिनों में उनका इस्तीफा मंजूर नहीं होता है तो वह प्रदेश उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ याचिका दायर करेंगे।

23 मार्च को ज्वाइन की थी भाजपा

तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च इस्तीफा दिया था और 23 मार्च को भाजपा का दामन थाम लिया था। तीनों विधायकों ने कहा कि विधानसभा सचिवालय सरकार के दबाव में काम कर रही है और इसलिए उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं।

आशीष शर्मा ने कहा कि उन्हें नोटिस मिला है जिसमें उन पर कई आरोप लगाए गए हैं जो पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। खरीद फरोक्त करने का आरोप लगाया गया है पूरी तरह से बेबुनियाद है और पहली बार का विधायक हूं राजनीति करने नहीं आया हूं सेवा के लिए आया हूं। जिसमें पुलिस जांच कर रही है।

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होशियार सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा सचिवालय सरकार के दरबार में काम कर रहा है जबकि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए था और उन्होंने किसी दबाव में इस्तीफा नहीं दिया है। जो उन पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए जा रहे हैं वह भी पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। नरेंद्र मोदी को मजबूत करने के लिए भाजपा का दामन थामा है यदि टिकट भी नहीं मिलता है तब भी वह कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते रहेंगे।

के एल ठाकुर को नहीं मिला नोटिस

नालागढ़ से विधायक के एल ठाकुर ने कहा कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा है और उन्हें किसी भी तरह का विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से नोटिस नहीं मिला है। सरकार विश्वास खो चुकी है और जो वादे किए थे उन पर खरी नहीं उतरी है। माइनिंग और क्रेशर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। आखिर भवन निर्माण सामग्री क्या बाहरी राज्यों से आएगी।

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