राज्य ब्यूरो, शिमला: हिमाचल प्रदेश के आइएएस अधिकारी के विरुद्ध पत्र बम को लेकर जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। अभी तक की जांच में उस कंप्यूटर का भी पता चल गया है, जहां इसे तैयार किया गया। यदि सत्ता पक्ष या विपक्ष किसी के भी विरुद्ध इस तरह के पत्र बम आते हैं तो उनकी भी जांच करेंगे।
कड़ी कार्रवाई होगीः सीएम
यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायक डा. जनकराज द्वारा शुक्रवार को सदन में प्रसारित पत्र मामले को लेकर स्पष्टीकरण और स्थिति साफ करने की मांग पर कही।
विधायक ने कहा कि इस मामले में उनका नाम बेवजह घसीटा जा रहा हे। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्र की जांच जारी है और जो भी व्यक्ति इसमें शामिल होंगे, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि यह पत्र डा. जनकराज के कार्यालय से अपलोड हुआ और इसमें भाजपा कार्यकर्ता शामिल पाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के पत्र की आड़ में किसी अधिकारी की छवि को दागदार करना गलत है। यदि किसी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है तो उसके लिए लोकायुक्त है और शपथपत्र देना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जनकराज इस संबंध में उनसे मिले थे और बताया था कि भाजपा कार्यकर्ता है वह सुनता नहीं है। उन्होंने विधायक जनकराज पर धमकीपूर्ण भाषा प्रयोग करने का आरोप लगाया। कहा कि यदि विधायक निर्दोष है तो उन्हें कुछ नहीं होगा। सरकार इस मामले में सच्चाई सामने लाकर रहेगी।
इससे पूर्व जनकराज ने कहा कि पत्र बम मामले में एक व्यक्ति को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था और उसकी गिरफ्तारी 24 घंटे बाद दिखाई गई। जनकराज ने कहा कि सरकार साबित करें पत्र में लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं।