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Himachal: आपदा से निपटने के लिए 80 प्रतिशत पंचायतों में बुलाई गई बैठक स्थगित, जानिए पूरा मामला

आपदा से निपटने के लिए आहूत ग्रामसभा की विशेष बैठकें स्वयं आपदा की शिकार हो गईं। कहीं लोग नहीं पहुंचे तो कहीं हड़ताल पर गए जिला परिषद कैडर के कर्मचारी इसका कारण बने। बैठक में प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए संसाधनों को बढ़ावा देने भवन निर्माण के लिए वैज्ञानिक व प्राकृतिक जल निकास प्रबंधन को लेकर चर्चा होनी थी।

By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Tue, 03 Oct 2023 04:00 AM (IST)
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आपदा से निपटने के लिए बुलाई गई बैठक स्थगित। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, शिमला : आपदा से निपटने के लिए आहूत ग्रामसभा की विशेष बैठकें स्वयं आपदा की शिकार हो गईं। कहीं लोग नहीं पहुंचे तो कहीं हड़ताल पर गए जिला परिषद कैडर के कर्मचारी इसका कारण बने। बैठक में प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए संसाधनों को बढ़ावा देने, भवन निर्माण के लिए वैज्ञानिक व प्राकृतिक जल निकास क्षेत्रों में निर्माण प्रतिबंधित करने व जल निकासी चैनलों के समुचित प्रबंधन पर चर्चा होनी थी, लेकिन 80 प्रतिशत पंचायतों में कोरम के अभाव में बैठकें स्थगित हो गईं।

कर्मचारियों की हड़ताल

इनमें वे पंचायतें भी शामिल हैं, जहां जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बैठक को रद करना पड़ा। कई जगह पंचायत प्रधान भी हड़ताली कर्मचारियों के समर्थन में उतरे, जिन पंचायतों में कोरम पूरा रहा, उनमें वित्तीय लेन-देन के साथ मनरेगा की शेल्फ में घरों और खेत में डंगे लगाने की स्वीकृति भी दी गई।

जिला शिमला के जुन्गा पंचायत में ग्रामसभा की बैठक पंचायत प्रधान बंसीलाल की अध्यक्षता में हुई। वहां कोरम के पूरा होने पर गत आय-व्यय को ग्रामसभा की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त जो शेल्फ मंजूर हुए, उनसे सभी को अवगत करवाया गया। आपदा से बचाव और अन्य सभी कार्यों को लेकर चर्चा की गई।

आपदा से निपटने के लिए होनी थी चर्चा

अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर समर्थ कार्यक्रम के तहत मानसून से संबंधित आपदा व इससे निपटने के लिए संसाधनों को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श किया गया। भवन निर्माण के लिए वैज्ञानिक व परंपरागत तकनीक पर भी चर्चा की गई। कार्यवाही रजिस्टर न मिलने से हंगामा चंबा जिला में भरमौर उपमंडल की बड़ग्रां पंचायत में ग्रामसभा की बैठक में कार्यवाही रजिस्टर न मिलने के कारण लोगों ने काफी देर तक हंगामा किया।

पंचायत सचिव कार्यवाही रजिस्टर को अलमारी में बंद कर हड़ताल पर चला गया था। इस कारण बैठक में आए अधिकतर लोग वापस घर चले गए। इस कारण बैठक में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। पंचायत निरीक्षक बलविंदर ने कहा कि जिन अध्यापकों की बैठक में ड्यूटी लगी थी, उन्हें अलग से कार्यवाही रजिस्टर लगाने के लिए कहा गया था। उसी रजिस्टर पर ग्रामीणों के हस्ताक्षर लिए जाने थे और उसे पंचायत की ओर से अधिकृत माना जाना था।

पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई

जो पंचायत सचिव कार्रवाई रजिस्टर को अलमारी में बंद करके चला गया था, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि उसके कारण ग्रामसभा की बैठक में बाधा उत्पन्न हुई। जिलों में यह रहा हाल शिमला जिले में 412 में से 50, मंडी में 531 में से 35, चंबा में 309 में से 15, हमीरपुर में 248 में से 57, कुल्लू में 235 में से 44, सिरमौर में 259 में से 55 और ऊना में 245 में से 42 पंचायतों में ही बैठक का कोरम पूरा हो पाया।

लाहुल-स्पीति व किन्नौर जिलों में एक भी पंचायत में बैठक नहीं हो पाई। सोलन, बिलासपुर व कांगड़ा जिले में जानकारी एकत्र की जा रही है। हालांकि, अधिकारियों के अनुसार अधिकतर पंचायतों में बैठकें नहीं पाईं।

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