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Himachal News: शून्य पंजीकरण वाले 99 स्कूलों पर लगेगा ताला, बैठक में CM सुक्खू ने दिए निर्देश; 460 विद्यालय होंगे मर्ज

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार (Sukhu Sarkar) जल्द ही उन स्कूलों पर ताला लगाने वाली है जिनका पंजीकरण शून्य है। वहीं सीएम सुक्खू ने निर्देश दिए कि जहां पांच से कम छात्र हैं। उन स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। इनमें स्कूलों की संख्या 460 है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि स्कूलों के कामकाज को तर्कसंगत बनाना आवश्यक

By Anil Thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 23 Jul 2024 08:42 PM (IST)
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शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्णय लिए हैं

जागरण संवाददाता, शिमला। प्रदेश सरकार शून्य पंजीकरण वाले 99 स्कूलों को बंद करेगी, जबकि पांच से कम छात्र संख्या वाले 460 स्कूलों को मर्ज किया जाएगा।

इसके साथ लगते स्कूलों में इनके विद्यार्थियों को शिफ्ट किया जाएगा। वहीं, शैक्षणिक सत्र के बीच शिक्षकों के तबादले नहीं होंगे।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा विभाग को इसका प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल को भेजने का निर्देश दिया है। तबादलों से पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए यह निर्णय लिया गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही इस पर अंतिम मुहर लगेगी।

मंगलवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्णय लिए हैं।

स्कूलों को मर्ज करने के लिए सरकार ने दूरी तय की है। प्राथमिक स्कूलों के लिए यह दूरी दो किलोमीटर व मिडल के लिए तीन किलोमीटर रखी गई है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002-2003 में ड्राप आउट 130466 था, जो घटकर 2023-24 में 49,295 रह गया।

प्रदेश में वर्तमान में 89 प्राथमिक और 10 माध्यमिक स्कूल ऐसे हैं, जिनमें शून्य नामांकन है। 701 प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या पांच से कम है। इनमें से 287 स्कूल दूसरे स्कूल के दो किलोमीटर के दायरे में हैं। 109 स्कूलों में केवल पांच विद्यार्थी हैं। इनके अलावा 46 मिडल स्कूल तीन किलोमीटर के दायरे में हैं, जबकि 18 अतिरिक्त स्कूलों में केवल पांच विद्यार्थी हैं।

पर्याप्त स्टाफ मिलेगा, पढ़ाई के लिए बेहतर होगी सुविधा

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्कूलों के कामकाज को तर्कसंगत बनाना आवश्यक है। इस कदम से न केवल स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ सुनिश्चित होगा, बल्कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चरणबद्ध तरीके से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल स्थापित कर रही है। जनजातीय क्षेत्रों किन्नौर और स्पीति में दो पूरी तरह सुसज्जित बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे।

बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल, सचिव शिक्षा राकेश कंवर, निदेशक उच्चतर शिक्षा अमरजीत सिंह, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आशीष कोहली शामिल हुए।

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