हिमाचल में महंगाई की एक और मार: अब घर बनाना होगा महंगा; सुक्खू सरकार बढ़ाएगी पांच गुणा शुल्क, जानिए कितने रुपये होंगे खर्च
Himachal News हिमाचल के लोगों पर एक और मार पड़ेगी। भवन का निर्माण करना अब महंगा होगा। विभाग ने इस संबंध में 30 दिन में आपत्ति और सुझाव मांगे हैं जिसके बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। अन्य राज्यों के लोगों द्वारा आवासीय कालोनी बनाने और भवन निर्माण को लेकर अब 25000 से एक लाख रुपये की फीस निर्धारित की है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब भवन बनाना महंगा होगा। नगर एवं ग्राम योजना विभाग ने हिमाचल प्रदेश नगर और ग्राम योजना नियम, 2014 के संशोधन का प्रस्ताव किया है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये की आय होगी। अधिसूचना जारी कर भवन निर्माण और स्वीकृति से लेकर किसी भी बदलाव के लिए लगने वाले शुल्क को पांच गुणा बढ़ा दिया है।
विभाग ने इस संबंध में 30 दिन में आपत्ति और सुझाव मांगे हैं, जिसके बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। अन्य राज्यों के लोगों द्वारा आवासीय कालोनी बनाने और भवन निर्माण को लेकर अब 25,000 से एक लाख रुपये की फीस निर्धारित की है। यह फीस पहले नहीं ली जाती थी। हिमाचल प्रदेश नगर और ग्राम योजना 12वां संशोधन नियम अधिसूचित किया है, जिसके तहत चार से छह बिस्वा मकान की स्वीकृति के लिए 2500 की जगह अब 10 से 12 हजार रुपये लगेंगे।
बढ़ी फीस वसूलने की स्वतंत्रता
किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए अलग से 20 से 60 रुपये प्रति वर्ग मीटर के आधार पर लगेंगे। शहरी निकायों यानी नगर पालिका, नगर परिषद और नगर पंचायतें अपने साथ लगती योजना व विशेष क्षेत्र सीमाओं के साथ निर्धारित दरों से 80 व 90 प्रतिशत अधिक फीस ले सकेंगी।राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों वाले विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों को संशोधित और बढ़ी फीस वसूलने की स्वतंत्रता होगी। यह नगर पालिकाओं के लिए निर्धारित फीस से कम नहीं होगी।
60 प्रतिशत अधिक फीस ले सकेंगे
जनजातीय विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों के रूप में शामिल विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण निर्धारित से 60 प्रतिशत अधिक फीस ले सकेंगे। अन्य समस्त अतिशेष विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण निर्धारित से 80 प्रतिशत अधिक ले सकेंगे।फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग, अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों की नियंत्रण रेखा से सीधे सटे और 100 मीटर की दूरी में निर्धारित शुल्क से 150 प्रतिशत, फोरलेन, राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ 130 प्रतिशत और अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों के लिए निर्धारित से 120 प्रतिशत अधिक शुल्क लिया जाएगा।
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