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Himachal News: हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती मामले में बड़ी कार्रवाई, अब CBI ने दर्ज किया केस

Himachal News हिमाचल प्रदेश में पुलिस कांस्‍टेबल भर्ती के मामले में सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। मामले में 16 अप्रैल 2022 जिला सोलन स्थित तहसील अर्की के गांव मनोल निवासी गौरव कुमार ने पोस्ट के जरिए सीबीआइ को जानकारी दी थी। इस एफआइआर की अनुमति सीबीआइ के एसपी डॉ. नवदीप सिंह बराड़ ने दी। इस शिकायत पत्र में गौरव कुमार के अलावा अन्य भी लिखा हुआ है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Fri, 18 Aug 2023 10:20 PM (IST)
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हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती मामले में बड़ी कार्रवाई, अब CBI ने दर्ज किया केस

शिमला, जागरण संवाददाता: हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल-2022 के 1334 पदों पर भर्ती मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआइ) ने केस दर्ज कर लिया है। सीबीआइ ने वीरवार की सुबह 11 बजे अज्ञात आरोपित के खिलाफ आइपीसी की धारा 505(2) और 34 के तहत केस दर्ज किया है। इस मामले में 16 अप्रैल 2022 जिला सोलन स्थित तहसील अर्की के गांव मनोल निवासी गौरव कुमार ने पोस्ट के जरिए सीबीआइ को जानकारी दी थी।

एफआइआर की कॉपी सोलन में एसपी को भेजी गई

इस शिकायत पत्र में गौरव कुमार के अलावा अन्य भी लिखा हुआ है। इस एफआइआर की अनुमति सीबीआइ के एसपी डॉ. नवदीप सिंह बराड़ ने दी। इसकी कॉपी हिमाचल प्रदेश के प्रमुख सचिव, डायरेक्टर जरनल ऑफ पुलिस और सोलन के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को भेजी गई हैं।

बहुचर्चित हिमाचल पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले में सीबीआई ने तीसरी एफआईआर दर्ज कर ली है। ये एफआईआर स्पेशल क्राइम ब्रांच चंडीगढ़ में दर्ज की गई है। तीसरी एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ षड्यंत्र फैलाने के आरोप में सोलन के अर्की पुलिस थाना के तहत दर्ज किए गए मामले को आधार बनाते हुए दर्ज की गई है। इससे पहले दर्ज मामलों में जालसाजी और षड़यंत्र रचने के आरापों के तहत दर्ज किया गया था।

कई पुलिस अधिकारियों से हो चुकी पूछताछ

पहले दर्ज एफआईआर में प्रारंभिक जांच में चार आरोपित बनाए थे जिनमें नूरपुर देवभराडी के मुनीष कुमार को दोनों दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी बनाया है। एक एफआईआर में मुनीश कुमार के अलावा नूरपुर के सुनील को जबकि दूसरी एफआईआर में तीन आरोपियों में दो अन्य आरोपित फतेहपुर खटियाड़ी का मनी चौधरी और गगल के भडियारा के गौरव को बनाया गया।

इस संबंध में सीबीआई कई पुलिस अधिकारियों से पूछताछ और उनसे प्रश्नावली भी ले चुकी है। प्रदेश सरकार ने 18 मई 2022 को पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में सीबीआई से जांच करवाने का फैसला लिया और इस संबंध में पत्र लिखा था।

181 से अधिक आरोपित हुए थे गिरफ्तार

पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एसआईटी ने 181 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद तीन चार्जशीट दायर की। पुलिस थाना गगल में 91 आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के बाद एलडी सीजेएम कोर्ट कांगड़ा में चार्जशीट दाखिल की गई थी।

एक चार्जशीट स्टेट सीआईडी के पुलिस थाना भराड़ी में दर्ज की गई जिसमें 61 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। पुलिस थाना अर्की में दर्ज किए गए केस में 29 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई।

क्या था पुलिस पेपर लीक मामला

पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए प्रदेश पुलिस ने 27 मार्च 2022 को लिखित परीक्षा करवाई। इस संबंध में चार मई को धर्मशाला में जब डोक्यूमेंटेशन को तीन आरोपित आए तो उनसे मुख्यमंत्री के नाम पूछे तो मुनीष कुमार, मनी चौधरी और गौरव को प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का नाम पता नहीं था।

इसके बाद जांच में कई अहम खुलासे हुए और अलग-अलग स्थानों पर पेपर को रटाए जाने और लीक होने का खुलासा हुआ। पेपर लीक मामले में शुरुआत में पकड़े गए तीन आरोपी युवकों में से दो को लिखित परीक्षा से एक दिन पहले 26 मार्च को गगल में टाइप्ड पेपर में प्रश्न और उत्तर रटाए गए थे।

दोनों युवकों के मैट्रिक में 50 फीसदी से कम नंबर थे, लेकिन कांस्टेबल लिखित परीक्षा में इनके 90 फीसदी से ज्यादा नंबर आए। प्रदेश के अलावा परवाणु चंडीगढ़ और अलग-अलग स्थानों पर बिचौलियों के माध्यम से पेपर के उत्तरों को रटाया गया। इस संबंध में छह से सात लाख रुपये एक-एक परीक्षार्थी से लिए गए। जांच के दौरान टापर आने वालों को कांगड़ा के मंत्रियों के नाम तक पता नहीं थे।