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Himachal News: बच्चों को मिलेगा पौष्टिक आहार, मिड-डे मील में शामिल होंगे मोटे अनाज

हिमाचल (Himachal News) प्रदेश सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मिड-डे मील में मोटे अनाज (मिलेट्स) को शामिल करने जा रही है। कोदा बाजरा बाथू कुट्टू और चौलाई जैसे अनाज बच्चों को न केवल स्वादिष्ट लगेंगे बल्कि उनके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होंगे। नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से इसे लागू करने की तैयारी है।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 04 Nov 2024 02:25 PM (IST)
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मिड-डे मील में मोटे अनाज शामिल करने की तैयारी। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। पीएम पोषण योजना के तहत दोपहर के भोजन (मिड-डे मील) में अब मोटे अनाज (मिलेट्स) भी शामिल होंगे। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी कोदा, बाजरा, बाथू, कुट्टू और चौलाई जैसे अनाज का न केवल स्वाद चखेंगे, बल्कि इनके बारे में जान भी सकेंगे।

इसे मिड-डे मील में शामिल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार ने ही राज्यों को यह प्रस्ताव भेजा है। कृषि विभाग ने इसको लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत की थी, लेकिन अब तक विभाग की ओर से इसका कोई जवाब नहीं आया है।

नए सत्र से लागू करने की तैयारी

नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से इसे लागू करने की तैयारी है। मोटे अनाज के दाम अधिक हैं, जबकि मिड-डे मील का बजट तय है। विभाग यदि इसे लागू करता है, तो केंद्र से अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ेगी, इसलिए इसे बीच सत्र में लागू करने में शिक्षा विभाग जल्दबाजी नहीं दिखा रहा है।

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मिड-डे मील का मैन्यू अलग-अलग है। खिचड़ी के साथ बच्चों को दाल, दलिया भी परोसा जाता है। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना भी इस वर्ष शुरू की है। इसमें सप्ताह में एक दिन बच्चों को अंडा, दूध, केला या ताजे फल खाने को दिए जाते हैं।

मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं मोटे अनाज की पैरवी

प्रदेश के 10732 प्राथमिक स्कूलों के 3,06,639 विद्यार्थियों और 4783 माध्यमिक स्कूलों के 2,12,850 विद्यार्थियों को मिड-डे मील दिया जाता है। प्री प्राइमरी कक्षाओं के 51000 बच्चों को भी मिड-डे मील की सुविधा दी जा रही है। केंद्र प्रायोजित इस योजना में हिमाचल को 90:10 के अनुपात में बजट मिलता है। यदि मोटे अनाज को शामिल किया जाता है, तो 30 करोड़ रुपये के करीब अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ेगी।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हाल ही में डोडरा क्वार दौरे पर गए थे। ग्रामीणों ने उन्हें भी मोटे अनाज से बना खाना खिलाया था। मुख्यमंत्री ने भी कहा था कि केंद्र ने मिलेट्स वर्ष घोषित किया हुआ है। उन्होंने कहा था कि यह अनाज पौष्टिक तत्वों से भरपूर है।

शिक्षा विभाग के जवाब का है इंतजार

चंद्र कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग को इसका प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इसको लेकर अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है। अब तक विभाग की तरफ से इसका कोई जवाब नहीं आया है। विभाग से इसके बारे में पूछा जाएगा।

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