Himachal News: सर्दियों में बंद हो सकते हैं लाहौल और स्पीती के स्कूल, 24 घंटे दी जाएगी बिजली: सीएम सुक्खू
हिमाचल सरकार जनजातीय क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का निपटारा करने को विशेष प्राथमिकता दे रही है। अगले शैक्षणिक सत्र से लाहुल-स्पीति के स्कूलों को सर्दियों में बंद रखने विचार करेगी। यह जानकारी उन्होंने वीरवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि परिषद की बैठकों के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों की समस्याएं राज्य सरकार के ध्यान में आती हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा है कि राज्य सरकार जनजातीय क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का निपटारा करने को विशेष प्राथमिकता दे रही है। सरकार अगले शैक्षणिक सत्र से लाहुल-स्पीति के स्कूलों को सर्दियों में बंद रखने विचार (School May Closed in Lahaul and Spiti) करेगी। यह जानकारी उन्होंने वीरवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
24 घंटें दी जाएगी बिजली
उन्होंने कहा कि परिषद की बैठकों के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों की समस्याएं राज्य सरकार के ध्यान में आती हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। राज्य सरकार 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा के दोहन को बढ़ावा दे रही है।
परियोजनाएं स्थापित करने के लिए अनुदान का प्रावधान
किन्नौर की हंगरंग घाटी में दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं। सरकार ने 250 किलोवाट से दो मेगावाट तक की सौर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए युवाओं को 40 प्रतिशत अनुदान देने का प्रवधान किया है। सरकार इन सौर ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की 25 वर्ष तक खरीद करेगी। इससे युवाओं के लिए स्थिर आय का स्रोत सुनिश्चित होगा।
सुरंगे के निर्माण पर दिया जोर
उन्होंने कहा कि लाहुल स्पीति में पवन ऊर्जा के दोहन के लिए 84 मेगावाट क्षमता को चिन्हित कर नेशनल इंस्टीट्यूट आफ विंड एनर्जी के साथ मामला उठाया है। वह स्वयं जनजातीय क्षेत्रों का निरंतर दौरा कर रहे हैं। सरकार जनजातीय क्षेत्र की महिलाओं को अधिक अधिकार देने पर भी विचार कर रही है। इन क्षेत्रों में सड़कें बनाने के लिए सुरंगों के निर्माण पर बल देने के निर्देश दिए हैं।
झील में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां शुरू
जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन का आधारभूत ढांचा मजबूत किया जा रहा है। किन्नौर के कड़छम में निर्मित कृत्रिम झील में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां शुरू करने के लिए ट्रायल करवाया गया है। जल्द ही जल क्रीड़ाएं शुरू की जाएंगी। किन्नौर में धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तेमसो झील में भी पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग-5 से झील को संपर्क मार्ग से जोड़ने पर विचार किया जाएगा।
जनजातीय क्षेत्रों में हेलीपोर्ट का निर्माण भी किया जा रहा है। राजस्व एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि नई परिषद का गठन मई 2023 में किया था, लेकिन प्रदेश में आई आपदा के कारण बैठक के आयोजन में देरी हुई है।
मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाई
इससे पहले मुख्यमंत्री ने जनजातीय सलाहकार परिषद के सभी मनोनीत सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सदस्यों ने अपने क्षेत्रों की समस्याओं से अवगत करवाया, जिन पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में विधायक रवि ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष और परिषद के सदस्य भी उपस्थित थे।