Himachal Pradesh News विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी देश पाक को लेकर कहा कि यदि पाकिस्तान (S Jaishankar in Himachal) आतंकवाद को पालता रहेगा तो उसे इसकी कीमत भी चुकानी होगी। पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देगा तो भारत एलओसी लांघेगा और सीमा पार जाकर जवाब भी देगा। उन्होंने कहा कि यह बात भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है
जागरण टीम, शिमला। Himachal Pradesh News: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन सीमा से सटे हिमाचल प्रदेश में कहा है कि सीमा पर चीन उसी भूमि पर आधारभूत ढांचा विकसित कर रहा है जो उसने 1962 के आक्रमण अथवा इससे पहले हथियाई है।
चीन ने 2020 के बाद अथवा एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया। बकौल विदेश मंत्री, भारत ने सीमा पर वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत आधारभूत ढांचे को मजबूत करते हुए सड़कें, पुल, सुरंगे और अन्य आधारभूत ढांचा विकसित किया है।
चीन सीमा के लिए देश का बजट 15 हजार करोड़: जयशंकर
इससे सीमावर्ती गांवों से पलायन रुका है। साथ ही पर्यटन और सैन्य सुविधाएं बढ़ी हैं। यूपीए सरकार के समय चीन सीमा के लिए देश का बजट महज 3500 करोड रुपये था, लेकिन एनडीए सरकार के समय में यह बजट बढ़कर 15000 करोड़ रुपये हुआ।शिमला में पत्रकारों से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि कोविड महामारी के बाद से दुनिया चीन का विकल्प ढूंढ रही है।
यह भी पढ़ें- 'स्वाति मालीवाल के चरित्र हनन में लगा है गठबंधन', कंगना ने लगाया आरोप; कहा- महिला सांसद को पीट रहे ये लोगभारत के पास यह अच्छा मौका है, जिसे पूर्ण बहुमत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन से ही भुनाया जा सकता है। विकसित भारत के लिए चीन पर निर्भरता कम कर निर्माण क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना होगा। कोविड से पहले दुनिया हर चीज के लिए चीन पर निर्भर थी।
विदेश मंत्री ने पाक को चेताया
इस निर्भरता को विश्व समाप्त करना चाहता है। दलाई लामा पर उन्होंने कहा कि भारत उन्हें कभी वापस जाने के लिए नहीं कहेगा। दलाई लामा में देशवासियों की अथाह आस्था का हम आदर करते हैं।पाकिस्तान के बारे में उनका कहना था कि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि वह आतंकवाद को पालता रहेगा तो उसे इसकी कीमत भी चुकानी होगी। पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देगा तो भारत एलओसी लांघेगा और सीमा पार जाकर जवाब भी देगा।
देश की अर्थव्यवस्था 32 ट्रिलियन डॉलर बनाने की योजना हैं
मोदी सरकार का वादा है कि पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर भारत को वापस लेना है और हम इस वादे पर कायम है। रूस-यूक्रेन और इजरायल-फलीस्तीन युद्ध में भारत की भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है।इससे पहले जयशंकर ने पीटरहाफ में आयोजित विकसित भारत-2047 बौद्धिक विचार कार्यक्रम में कहा कि हमारा विजन देश को दूसरी या तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने का नहीं हैं बल्कि देश विश्व की पहली अर्थव्यवस्था बनाने का है। 2027 तक देश की अर्थव्यवस्था 32 ट्रिलियन डॉलर बनाने की योजना हैं। हमारी विदेश नीति भारत प्रथम की है।
भारत की स्थायी सदस्यता का पक्षधर नहीं चीन
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थायी सदस्यता के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत इस मुद्दे पर काफी आगे बढ़ा है। अब बात भारत को स्थायी सदस्यता देने तक पहुंच गई है। चीन इस मुद्दे पर भारत के पक्ष में नहीं है और हमेशा रोड़े अटकाता रहा है।उन्होंने दावा किया कि विकासशील देश चाहते हैं कि भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थायी सदस्यता मिले। वे चीन के पीछे भागने के बजाय भारत से नजदीकी बनाने के पक्षधर हैं।
अग्निपथ योजना पर भ्रम फैला रहा इंडी गठबंधन
विदेश मंत्री ने अग्निपथ योजना को सही करार दिया और इसे सफल योजना बताया। यह योजना इसलिए लाई गई है ताकि देश की सेना में नौजवान युवाओं की भूमिका बढ़े। उन्होंने इस मुद्दे पर इंडी गठबंधन पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि इस योजना में सफल होने वाले सेना में सेवारत होंगे और अन्य अग्निवीर विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करेंगे।
शुल्क बढ़ाने का मुद्दा पूर्व यूपीए सरकार के समय तय हो गया था। केंद्र सरकार आयात शुल्क बढ़ाने को लेकर समीक्षा कर रही है। अगर किसी गलत रूट से सेब भारत आ रहा है तो केंद्र सरकार इसे बंद करेगी।
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