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Himachal News: मलबे में गाड़ियां दबने के बाद सरकार सतर्क, NDRF-SDRF को किया तैनात, CM सुक्खू ने आपदा से निपटने के दिए बड़े निर्देश

Himachal News हिमाचल प्रदेश में पहली बारिश ने सरकार की पोल खोल दी। लोगों के घरों में मलवा पहुंच गया। वहीं मलबे में 9 गाड़ी दब गए। इसके बाद सरकार ने कमर कस ली है। सुक्कू सरकार ने इसके लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को तैनात किया है। तबाही को रोकने के लिए उन्होंने कई बड़े निर्देश दिए हैं। सरकार ने कहा कि पिछले साल जैसी तबाही नहीं आएगी।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Published: Sat, 29 Jun 2024 11:44 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2024 11:44 AM (IST)
Himachal News: इस बार हिमाचल में नहीं आएगी तबाही, आपदा रोकने के लिए सुक्खू सरकार ने दिए बड़े निर्देश।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में बीते वर्ष मानसून के दौरान हुई भारी तबाही से सरकार व प्रशासन ने सबक लिया है। इस बार पांच जगह शिमला, चंबा, सिरमौर, मंडी व कुल्लू में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और तीन जगह कांगड़ा, मंडी व शिमला में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को तैनात किया है। सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है, जिससे जान माल का नुकसान कम हो सके और आवश्यक सेवाएं प्रभावित न हो।

मुख्य सचिव और प्रधान सचिव राजस्व सभी विभागों के अधिकारियों और जिलों के अधिकारियों के साथ दो बैठकें कर चुके हैं। व्यापक दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। मानसून की पहली वर्षा ने ही सारी व्यवस्था की पोल खोल दी है। पानी के निकासी के प्रबंध यानी ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया। सड़कें नालों में तबदील होने के साथ घरों में मलबा व पानी घुस गया।

कहां-कहां हैं जवान तैनात

14वीं एनडीआरएफ को कमांडर कर्नल बलजिंद्र सिंह के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में पांच स्थानों पर इसे तैनात किया है। एनडीआरएफ में करीब 1300 अधिकारी व जवान हैं जो आइटीबीपी, सीआरपीएफ, बीएसएफ, असम राइफल से हैं। रामपुर के ज्यूरी में एनडीआरएफ के 100 जवान तैनात हैं।

मंडी के सलापड़ में तीन कंपनियां, लाहुल स्पीति व किन्नौर में पर्वतारोहण टीम तैनात रहेगी। एसडीआरएफ में 326 पुलिस के जवान व अधिकारी हैं और डीआइजी प्रेम कुमार ठाकुर के नियंत्रण में कार्य कर रहे हैं, जबकि कमांडेंट अर्जित सेन है। तीन डीएसपी की निगरानी में आपदा से निपटने को तैयार है।

50 संवेदनशील स्थानों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम

50 संवेदनशील स्थानों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित हैं, जिससे भूस्खलन और बाढ़ की जानकारी पूर्व में मिल सके। आपदा से निपटने और सूचना तंत्र की मजबूती के लिए जिला प्रशासन के साथ उपखंडों को 23 आइ सैट प्रदान किए हैं। पुलिस विभाग को 37 आइ सैट उपलब्ध करवाए गए हैं। विभिन्न पुलिस स्टेशन में 67 वी सैट का एक लीवर भी जोड़ा है।

आपदा से निपटने के बड़े निर्देश

  1. अधिकारियों को रेड अलर्ट के दौरान डीसी की अनुमति के बिना जिला नहीं छोड़ना होगा।
  2. 30 जून तक सब डिवीजन स्तर पर नियंत्रण कक्ष क्रियाशील किए जाएं।
  3. नियंत्रण कक्षों को अलर्ट को अंतिम छोर तक साझा करना होगा।
  4. सूखे और खतरनाक पेड़ों की पहचान कर उनका निपटारा करना होगा।
  5. लोक निर्माण विभाग अस्थायी पुलों की उपलब्धता सुनिश्चित करे।
  6. जल जनित बीमारियों के प्रकोप रोकने को जल शक्ति विभाग सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करवाए।
  7. विद्युत आपूर्ति बाधित न हो। मानसून से पहले आवश्यक मरम्मत सुनिश्चित करें।
  8. नुकसान की रिपोर्टिंग के लिए आनलाइन पोर्टल शुरू किया

श्रीखंड और मणिमहेश यात्राओं के लिए निर्देश व व्यवस्था

  1. यात्रियों और लोगों का पंजीकरण जरूरी।
  2. शारीरिक रूप से स्वस्थ लोगों को ही यात्रा पर भेजा जाए।
  3. यात्रा मार्ग पर प्रभावी संचार नेटवर्क स्थापित हो।
  4. रास्ते में चिकित्सा जांच के लिए पर्याप्त सुविधाएं स्थापित हों।
  5. यात्रा के मार्ग को प्रमुख स्थानों पर दिशासूचक लगेंगे।
  6. क्या करें और क्या न करें आदि का प्रविधान।
  7. यात्रा के दौरान शराब के उपयोग को रोकने के लिए निगरानी।
  8. भीड़ कम करने के लिए प्रभावी प्रबंधन।
  9. आवश्यकतानुसार एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तैनाती।

आपदा राहत राशि वितरण पर निगरानी

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली (एनडीएमआइएस) आनलाइन एप्लिकेशन है। इसके तहत जिलों को बांटी जाने वाली राशि की निगरानी के लिए बनाया गया है। आपदा क्षति और नुकसान को प्रभावी ढंग से पकड़ने और राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि (एनडीआरएफ) के तहत राज्यों को राहत देने के लिए धन वितरण की निगरानी के लिए विकसित कियाहै।

इस बार स्कूलों में नहीं बनेंगे राहत केंद्र

स्कूलों में कोई राहत केंद्र स्थापित नहीं किया जाएगा। इससे बच्चों की शिक्षा में व्यवधान होता है। सरकारी भवन का उपयोग होगा और जहां पर कोई सरकारी भवन नहीं है वहां पर आवश्यकता के आधार पर व्यवस्था की जा सकती है।

आपदा से निपटने के लिए सतर्क रहें: मुख्यमंत्री

बरसात में आपदा से निपटने के लिए हिमाचल सरकार पूरी तरह तैयार है। शिमला में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि संबंधित विभागों को प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने का निर्देश है।

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सभी विभागों के साथ समन्वय से कार्य कर रहा है। बीते वर्ष बरसात के दौरान उत्पन्न स्थितियों के दृष्टिगत एहतियाती कदम उठाने का निर्देश है। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में चिह्नित स्थानों में पर्याप्त संख्या में श्रमशक्ति और मशीनरी तैनात की गई है।

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फील्ड स्टाफ और अन्य अधिकारियों को आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण और माकड्रिल से समय-समय पर अभ्यास भी करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसी भी प्राकृतिक आपदा की संभावित चुनौती से निपटने के लिए पूरी तैयार है।

इसके दृष्टिगत विभिन्न स्तरों पर प्रभावी एवं सकारात्मक कदम उठाए गए हैं। आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत सभी जिलों के उपायुक्तों से निरंतर बैठकें आयोजित कर तैयारियों की समीक्षा भी की गई है। मुख्यमंत्री ने लोगों से आग्रह किया है कि नदी-नाले के किनारे जाते समय विशेष रूप से सतर्क रहें।

आपदा प्रभावितों को नहीं मिली राहत: जयराम

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा के एक वर्ष बाद भी प्रदेश में प्रभावितों को राहत नहीं मिली है। सराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग में नाले से तबाही मची थी। आगे किसी अनहोनी से निपटने के लिए उस नाले का तटीकरण किए जाने की जरूरत थी।

पीड़ित लोगों के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री ने उस नाले के बीच खड़े होकर कहा था कि इस नाले का तटीकरण किया जाएगा। एक करोड़ रुपये का बजट देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने स्वयं की थी, लेकिन सरकार ने एक रुपये तक नहीं दिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस नेता नाकामी छुपाने के लिए राज्यपाल पर टिप्पणी कर रहे हैं। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

बरसात से निपटने के लिए व्यापक दिशा निर्देश दिए हैं। इस संबंध में दो बैठकें ली हैं और बीते वर्ष की आपदा को देखते हुए एनडीआरएफ को तैनात कर दिया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।

-प्रबोध सक्सेना, मुख्य सचिव, हिमाचल।

बरसात से निपटने के लिए तैयार हैं। जान माल का कम से कम नुकसान हो और समय पर आपदा में सहायता मिल सके इसके लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। जिला स्तर पर आवश्यक कदम उठाने और सभी विभागों को अलर्ट किया गया है। जिससे समय पर सडृक, बिजली, पानी और आवश्यक सेवाएं बहाल की जा सकें।

-डीसी राणा, विशेष सचिव एवं निदेशक, राज्य आपदा प्रबंधन।

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