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Himachal News: हिमाचल में बढ़ेगा हरित आवरण, जंगलों में गिरे पेड़ भरेंगे सरकार का खजाना; पांच प्वाइंटों में समझें प्लान

हिमाचल में ग्रीनरी की मदद से सरकार ने एक सॉलिड प्लान तैयार किया है। इस वर्ष सरकार प्रदेश में 9 हजार हेक्टेयर की जमीन पर पौधे लगाएगी। जिसके बाद उनका संरक्षण शुरू किया जाएगा। हिमाचल में बारिश और प्राकृतिक आपदा के चलते हरे पेड़ गिर जाते थे। जिन्हें लेने के लिए नियम सख्त थे। लेकिन अब इन्हें सरल कर दिया जाएगा।

By Anil Thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 30 Jul 2024 10:35 PM (IST)
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Himachal News: हिमाचल वन विभाग में 5 बड़े फैसले (जागरण फोटो)
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल में हरित आवरण बढ़ाने के लिए राज्य सरकार विशेष मुहिम चलाएगी। इसके तहत इस साल प्रदेश में 9 हजार हेक्टेयर वन भूमि पर पौधे रोपे जाएंगे, जो भी पौधे लगाए जाएंगे उनके संरक्षण का काम भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने आधिकारिक निवास ओक ओवर मे बान का पौधा रोपकर 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री के साथ प्रदेशभर में विधायकों व मंत्रियों ने भी पौधा लगाकर अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में वन महोत्सव को शुरू किया। मुख्यमंत्री ने इनके साथ वर्चुअल बात कर उनकी सराहना की।

मुख्यमंत्री ने विधायकों व मंत्रियों को इस मुहिम को पंचायत तक ले जाने का आह्वान कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसमें शामिल करने का आह्वान किया।

वन विभाग ने लिए 5 फैसले

हिमाचल में बारिश, प्राकृतिक आपदा के कारण हरे पेड़ गिर जाते थे। इन्हें काटकर यहां से उठाने के लिए अनुमति लेने में काफी वक्त लग जाता था। सूखे पेड़ों के लिए भी अनुमति लेने के नियम सख्त थे। इसको सरल किया गया है। अब डीएफओ को यह अधिकार दिया गया है।

इसके साथ ही रेंज अधिकारी, डिप्टी रेंज अधिकारी भी तय सीमा तक पेड़ कटवाने की अनुमति दे सकेंगे। गार्ड इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाएगा। पहले आला अधिकारियों तक यह प्रस्ताव जाता था।

एस-1 की अनुमति के बाद डीएफओ दे सकेंगे मंजूरी

परियोजनाओं या नेशनल हाइवे के अधीन आने वाले पेड़ों को काटने के लिए अनुमति की लंबी चौड़ी प्रक्रिया है। स्टेज-1 की अनुमति आने के बाद अब डीएफओ स्तर पर पेड़ कटाने का काम शुरू हो सकेगा।

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पहले तय होगा कितने पौधे लगेंगे

वन विभाग जनवरी महीने में ही यह तय कर लेगा कि किस रेंज में कितने पौधे लगाए जाने हैं। वहां की भूगौलिक परिस्थिति क्या है। किस तरह के पौधे वहां पर लग सकते हैं।

60 प्रतिशत फलदार पौधे

वन विभाग जो पौधा रोपण करेगा उसमें 60 प्रतिशत पौधे फलदार होंगे। फलदार पौधों के लिए जमीन का चयन भूगौलिक परिस्थिति के अनुरूप होगा। किस रेंज में किस तरह का पौधा उगाया जा सकता है यह पहले ही तय कर दिया जाएगा।

महिलाओं की भागिदारी होगी सुनिश्चित

वन विभाग पौधा रोपण कार्यक्रमों में महिलाओं की भागिदारी सुनिश्चित करेगा। महिला मंडलों, स्वयं सहायता समूह सहित अन्य ग्रुपस को अपने साथ जोड़ा जाएगा।

10 साल में दिखेंगे सकारात्मक परिणाम: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सूखे और क्षतिग्रस्त पेड़ों के निस्तारण की मानक संचालन प्रक्रिया का भी शुभारंभ किया। इसके तहत वन रक्षक स्तर पर दो पेड़ और मंडलीय वन अधिकारी स्तर पर 25 पेड़ काटने की अनुमति प्रदान की गई है।

रैखिक परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री ने वन संरक्षण अधिनियम के प्रथम चरण की स्वीकृति के पश्चात परियोजना के दायरे में आने वाले पेड़ों को काटने के लिए वन विकास निगम के अधिकारियों के साथ वन विभाग के वन अधिकारियों को भी शक्तियां सौंपने की घोषणा की।

विभाग के ई फॉरेस्ट सॉफ्टवेयर की बीटा की टेस्टिंग शुरू

मुख्यमंत्री ने वन विभाग ई-फॉरेस्ट सॉफ्टवेयर की बीटा टेस्टिंग का भी शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य विभागीय कार्यों को सुव्यवस्थित करना और पारदर्शिता को बढ़ाना है। वन क्षेत्र में फलदार पौधों के रोपण को 30 से बढ़ाकर 60 फीसदी करने पर बल दिया, जिसके आगामी दस वर्षों में सकारात्मक परिणाम

आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वन विभाग और निगम ने बीते वर्ष 15 हजार क्षतिग्रस्त पेड़ों को प्रसंस्कृत किया, जिससे लकड़ी की बिक्री से राजस्व प्राप्त हुआ। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार की रॉयल्टी आय मात्र डेढ़ वर्ष में 35 से बढ़कर 70 करोड़ रुपये हो गई।

वन विभाग की निर्माण शाखा होगी बंद

वन विभाग की निर्माण शाखा को बंद करने का निर्णय लिया और इसे वानिकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल-स्पीति में महिला मंडल बढ़चढ़ कर पौधरोपण गतिविधियों और वन संरक्षण में शामिल हो रहे हैं, जिससे महिलाओं के समूहों को राजस्व सृजन के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प के तहत विभिन्न कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग सहित प्रदेश के अन्य विभागों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं जिससे कार्य शैली में सुधार होने के साथ ही लोगों को भी लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 31 मार्च 2026 तक प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को हासिल करने में वन विभाग की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।

हरित हाइड्रोजन के लिए एमओयूसाइन

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊना जिला के पेखूबेला में 32 मेगावाट की सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की है। आगामी 6 माह में 2 अन्य सौर संयंत्र शुरू कर दिए जाएंगे।

इसके अलावा प्रदेश सरकार ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए आयल इंडिया कम्पनी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया है, जो हिमाचल प्रदेश को उसके हरित ऊर्जा राज्य बनने के लक्ष्य के मार्ग को प्रशस्त करेगा।

सीएम ने मंत्रियों व विधायकों के साथ की वर्चुअल बातचीत

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों से वन महोत्सव में भाग लेने वाले मंत्रियों और विधायकों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत की। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने हिमाचल को हरित राज्य के बनाने के मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण और प्रयासों की सराहना की।

प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और विभाग की गतिविधियों से अवगत करवाया।

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, सीपीएस राम कुमार चौधरी, विधायक हरीश जनारथा, पूर्व मंत्री रंगीला राम राव, वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव कंवर, सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान, उपायुक्त अनुपम कश्यप और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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