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Himachal News: हिमाचल में निर्दलीय विधायकों पर आफत, दल-बदल के नियमों से जा सकती है विधायकी; कांग्रेस नेता ने गिनाए रूल्स

Himachal News हिमाचल में तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा दिया और उसके बाद भाजपा ज्वाइन कर ली। लेकिन स्पीकर ने अभी तक विधायकों का इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। इनका मामला पिछले कई हफ्तों से चल रहा है। इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर कर इनके खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।

By Anil Thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 25 Apr 2024 03:51 PM (IST)
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Himachal News: हिमाचल में निर्दलीय विधायकों पर आफत, दल-बदल के नियमों से जा सकती है विधायकी
जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh News: भाजपा में शामिल हुए तीन निर्दलीय विधायकों के मामले हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। विधानसभा अध्यक्ष को इन तीनों ने अपने इस्तीफे दिए हैं, जो अभी स्वीकार नहीं हुए है। इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर कर इनके खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई कर इन्हें निष्कासित करने की मांग की है।

नहीं लड़ सकते हैं चुनाव

बागवानी व राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी (Jagat Singh Negi) की ओर से यह याचिका दायर की गई है। याचिका में उन्होंने तर्क दिया है कि तीनों विधायकों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था।

चुनाव जीतने के बाद वे किसी दल में शामिल नहीं हो सकते हैं। नियमों के तहत यदि कोई विधायक ऐसा करते हैं तो इनकी विधायकी चली जाएगी। ये तीनों इस्तीफा स्वीकार होने से पहले भाजपा में शामिल हुए हैं।

तीनों को किया जाना चाहिए निष्कासित 

यह दल बदल कानून के तहत आता है। ऐसे में इन तीनों सदस्यों को निष्कासित किया जाना चाहिए। इन विधायकों ने जब अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे थे उस वक्त भी कांग्रेस ने ही विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर की थी।

इसमें कहा गया था कि ये इस्तीफे दबाव में दिए गए हैं। विधायक पिछले कई दिनों से भाजपा के संपर्क में थे। जब वह इस्तीफा देने आए थे तब भी भाजपा विधायक इन्हें एस्कॉर्ट करके लाए थे। इससे पहले भी वे हैलीकाॅप्टर में घूम रहे थे और होटलों में ठहरे हुए थे।

इन होटलों में भाजपा के विधायक इनके साथ थे। इस मामले की जांच अभी लंबित है। अब कांग्रेस ने कहा है कि इस्तीफा स्वीकार करने के बजाए दल बदल कानून के तहत इन पर कार्रवाई की जाए। तीन निर्दलीय विधायकों में होशियार सिंह, केएल ठाकुर और आशीष शर्मा शामिल हैं।

अब आगे क्या

नियमों के तहत कांग्रेस विधायक की तरफ से दायर याचिका के बाद विधानसभा अध्यक्ष इस मामले की सुनवाई करेंगे। तीनों विधायकों को नियमों के तहत नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें समय दिया जाएगा। जवाब आने के बाद ही इस मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

इधर विधायक हरीश जनारथा ने हाईकोर्ट में दी अर्जी

निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे मामले में अब कांग्रेस भी शामिल हो गई है। शिमला शहर से कांग्रेस के विधायक हरीश जनारथा ने हाईकोर्ट में अर्जी डाली है। इसमें कहा गया है कि इन विधायकों ने जो इस्तीफे दिए हैं वह दबाव में दिए हैं।

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यह दबाव विधायकों पर कैसे डाला गया है इसके पूरे तथ्य भी कोर्ट को दिए हैं। इसमें बताया गया था कि जब वे इस्तीफा देने विधानसभा आए तो नेता प्रतिपक्ष इनके साथ थे। भाजपा विधायकों ने जब विधानसभा अध्यक्ष का घेराव किया वहां पर भी ये मौजूद थे।

विधायकों को जब सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई तो उसमें राज्य सरकार से किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई न ही सूचित किया गया। विभिन्न होटलों में ये विधायक ठहराए गए, इनके साथ भाजपा विधायक मौजूद थे ये सारी चीजें दर्शाती है कि इस्तीफे स्वेच्छा से नहीं बल्कि दबाव में हुए हैं।

कब क्या हुआ

22 मार्च को दिया था इस्तीफा

तीनों निर्दलीय विधायकों ने बीती 22 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दिया था। मगर अब तक स्पीकर ने इनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इसके बाद विधायकों उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

विधायकों ने कोर्ट से आग्रह किया कि उन्होंने अपनी इच्छा से बिना किसी दबाव के अपना इस्तीफा दिया है, इसलिए उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए।

10 अप्रैल को दिया था जवाब

विधानसभा अध्यक्ष ने दो मंत्रियों की शिकायत पर निर्दलीय विधायकों को कारण बताओ नोटिस दिया था, जिसका जवाब बीते 10 अप्रैल को तीनों विधायक स्पीकर को दे चुके हैं। इसमें विधायकों से पूछा गया था कि समय से पहले रिजाइन क्यों किया? क्या आप पर किसी प्रकार का कोई दबाव था।

23 मार्च को ज्वाइन की थी भाजपा

22 मार्च को इन विधायकों ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को दिया था। जबकि 23 मार्च को इन्होंने भाजपा ज्वाइन की थी। इस्तीफा स्वीकार करने की मांग को लेकर तीनों विधायक विधानसभा के बाहर धरना भी दे चुके हैं।

राज्यसभा चुनाव से शुरू हुआ विवाद

निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट दिया था। इससे बहुमत वाली कांग्रेस सरकार चुनाव हार गई।

राज्यसभा चुनाव से पहले तक तीनों निर्दलीय विधायक सरकार के साथ एसोसिएट के तौर पर काम कर रहे थे। मगर राज्यसभा चुनाव के बाद इन्होंने भाजपा ज्वाइन कर दी थी।

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