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Himachal News: हिमाचल वालों के लिए खुशखबरी, सड़कों पर जल्द फर्राटा भरती दिखेंगी 300 ई-बसें; नाबार्ड करेगा फंडिंग

हिमाचल में पर्यावरण को देखते हुए इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारियां की जा रही हैं। सरकार 300 बसें खरीदने जा रही है। प्रदेश में वित्तीय संकट को देखते हुए सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि ई-बसों की फंडिंग राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से करवाई जाए। वहीं 10 हजार टैक्सी खरीदने की भी तैयारी है।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Prince Sharma Published: Thu, 04 Jul 2024 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 10:30 PM (IST)
Himachal Pradesh: हिमाचल में 300 बसें खरीदेगा नावार्ड (ई-बसें जागरण फोटो)

राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश सरकार ने 2026 तक हिमाचल को हरित राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए सरकार 300 से अधिक ई-बसों की खरीद करने जा रही है।

प्रदेश सरकार ने वित्तीय संकट की स्थिति का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि ई-बसों की फंडिंग राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से करवाई जाए।

इस संबंध में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने वित्त मंत्रालय को अवगत करवाया है कि हिमाचल में 70 पंचायतों को रोपवे सुविधा से जोड़ने के लिए 2022 में नाबार्ड से फंडिंग का प्रविधान हुआ था।

खरीद के लिए चाहिए 450 करोड़

तर्क दिया था कि सड़क निर्माण महंगा रहेगा और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते मुश्किल होगा। सरकार की ओर से प्रस्तावित ई-बसों की खरीद करने के लिए 450 करोड़ की धनराशि चाहिए। सामान्य तौर पर नाबार्ड सड़क निर्माण, जल शक्ति विभाग की परियोजनाओं के लिए फंडिंग करता है।

पहली बार प्रदेश में रोप-वे निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने नाबार्ड से फंडिंग करने की अनुमति प्रदान की है। इस तरह की अनुमति पहाड़ी भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सड़क निर्माण में अधिक लागत की अपेक्षा रोप-वे पर आधी से कम लागत अनुमानित है।

प्रदेश में इस समय रोप-वे निर्माण की पांच परियोजनाओं में से 50 करोड़ की सबसे पहली परियोजना पड़ोह से नैना देवी के लिए निर्माणाधीन है। इससे आसपास की पंचायतों के लोग लाभांवित होंगे।

पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए जरूरी

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कहना है कि हिमाचल सरकार ने राज्य को हरित राज्य बनाने के लिए 2026 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए ई-वाहनों का उपयोग करना बढ़ाने की जरूरत है। सरकार अपने स्तर ई-बसों की खरीद करने में सक्षम नहीं है।

ऐसे में केंद्रीय वित्त सचिव डा. टीवी सोमनाथन से ई-बसों की खरीद के लिए नाबार्ड से ऋण का प्रविधान करने का मामला रखा गया है। ई-बसों के लिए ऋण की व्यवस्था रोप-वे की तर्ज पर की जाए। केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में रोप-वे के लिए नाबार्ड से फंडिंग करने की अनुमति प्रदान की है।

हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां पर परिवहन विभाग हरित विभाग हो गया है, विभाग ने सभी डीजल वाहनों को हटाकर ई-वाहनों में तबदील किया गया है।

बजट में 10 हजार ई-टैक्सियां उतारने की घोषणा

प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बजट में डीजल टैक्सियाें के स्थान पर ई-टैक्सियों लाने का लक्ष्य रखा है। ताकि डीजल के उपयोग से होने वाले वायु प्रदूषण को खत्म किया जा सके। राज्य में इस समय 32 हजार टैक्सियां चलती हैं और सभी डीजल और पेट्रोल पर आधारित हैं।

दस हजार ई-टैक्सियां जब सड़कों पर चलने लगेंगी, तो पर्यावरण संरक्षण में सहायक होंगी। सरकार ने ई-टैक्सियों को बढ़ावा देने के साथ बेरोजगारों को स्वरोजगार प्रदान करने का भी ध्येय रखा है।

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