Himachal News: 10 वर्ष बाद कंपनियों से बिजली और पानी का मार्केट रेट वसूलेगी सुक्खू सरकार, 2026 में तैयार होगा बल्क ड्रग पार्क
Himachal News हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र चल रहा है। इस दौरान कई प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इस बीच प्रोजेक्ट के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने वर्ष 2023 में मुंबई में 2165 करोड़ पहला और दुबई में 2645 करोड रुपये का दूसरा सहमति पत्र साइन किया है। प्रोजेक्ट के काम के लिए टेंडर की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, शिमला। ऊना जिला के हरोली में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क के निर्माण के 10 वर्ष बाद कंपनियों से बिजली व पानी का मार्केट रेट वसूला जाएगा। 31 मार्च, 2026 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर दिया जाएगा। शुरू में सरकार तय शर्तों के आधार पर कंपनियों ने भूमि, बिजली व पानी देगी।
यह जानकारी शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान बुधवार को विधायक केवल सिंह पठानिया द्वारा पूछे प्रश्न के उत्तर में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने दी। चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पार्क के लिए 50 करोड़ का बजट जारी कर दिया हैं। राज्य सरकार प्रोजेक्ट के लिए पूरी तरह से गंभीर है।
स्टोर और वेयर हाउस फ्री में उपलब्ध
सरकार इस प्रोजेक्ट में पूरी पारदर्शिता बरतेगी और प्राथमिकता के आधार पर कार्य पूरा करेगी। अक्टूबर से मार्च तक बिजली की कमी होती है और सरकार तब सात रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदती है। बावजूद इसके सरकार निवेशकों को टर्म एंड कंडीशन के अनुरूप इस प्रोजेक्ट में तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देगी। स्टोर और वेयर हाउस फ्री में उपलब्ध करवाएगी।20 हजार को नौकरी
उद्योग मंत्री ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से प्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। इस प्रोजेक्ट के बनने से प्रदेश में 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। चार माह में ही एपीआइ यूनिट ने 50 करोड़ का जीएसटी दिया है।
'मुंबई व दुबई में साइन हुए सहमति पत्र'
हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने वर्ष 2023 में मुंबई में 2165 करोड़ पहला और दुबई में 2645 करोड रुपये का दूसरा सहमति पत्र साइन किया है। मंत्री ने विधायक सतपाल सत्ती के अनुपूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए पैसा राज्य कार्यान्वयन एजेंसी एसआइए को आएगा।प्रोजेक्ट के काम के लिए टेंडर की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। विधायक सुधीर शर्मा ने अनुपूरक प्रश्न में पूछा कि सरकार ने जिन कंपनियों के साथ सहमति पत्र साइन किया है क्या वह नए टर्म एंड कंडीशन के तहत काम करने को तैयार है।इस पर मंत्री ने कहा कि जिन कंपनियों के साथ सहमति पत्र साइन किया गया उनकी कानूनी वैद्यता नहीं है। ये नामी कंपनियां है और 500 से 1000 करोड रुपये का निवेश करने वाली हैं।
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