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Himachal News: घाटे में चल रही बसों का जिम्मेदारी कौन? कैबिनेट में दोबारा जाएगा पुलिस कर्मचारियों की फ्री यात्रा का मामला

हिमाचल पुलिसकर्मियों को एचआरटीसी की बसों में फ्री यात्रा का मामला एक बार फिर से कैबिनेट में जाएगा। प्रदेश में हो रहे विरोध को लेकर सुक्खू सरकार एक बार फिर से फैसले ले सकती है। इसे लेकर विभाग द्वारा कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। हाल ही में कैबिनेट ने निर्णय लिया था कि पुलिस जवानों से बसों में किराया लिया जाएगा।

By Anil Thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 20 Aug 2024 09:28 PM (IST)
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कैबिनेट में दोबारा जाएगा पुलिस कर्मचारियों की फ्री यात्रा का मामला
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में पुलिस जवानों की निशुल्क यात्रा का मामला दोबारा कैबिनेट में जाएगा।

विरोध के बाद सरकार इस पर पुनर्विचार कर नया निर्णय ले सकती है। इसे लेकर विभाग कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। पहले पुलिस जवानों से महीने में 110 रुपए लिए जाते थे। कैबिनेट ने निर्णय लिया था कि पुलिस जवानों से बसों में किराया लिया जाएगा।

यदि वे डयूटी के बसों में सफर कर रहे हैं तो इसकी एवज में बिल क्लेम करना होगा। सरकार इसमें कुछ संशोधन कर सकती है।

कैबिनेट के फैसले से पुलिसकर्मी नाराज

इसे खत्म करने के बजाए 110 रुपए मासिक से बढ़ाकर 500 रुपए या इससे अधिक किया जा सकता है कैबिनेट बैठक में लिए फैसले से पुलिस कर्मचारी नाराज हैं। इस पर  उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को खुला पत्र लिखा था।

पत्र में कहा गया है कि हर वर्ष पैसा देने के बावजूद भी पुलिस कर्मचारियों को एचआरटीसी की बसों में फ्री यात्रा का टैग क्यों लगाया जा रहा है? एचआरटीसी के घाटे की वजह हिमाचल पुलिस नहीं, बल्कि एचआरटीसी का स्टाफ खुद है।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी पुलिस जवानों के पक्ष में आए थे। उन्होंने कहा था कि सरकार का यह निर्णय पूरी तरह गलत है। पुलिस जवान डयूटी के लिए बसों में सफर करते हैं। इस सफर को बंद किया जाना पूरी तरह से गलत है।

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