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Himachal News: कौन हैं तहसीलदार हीरा लाल घेज्टा, जो सिर्फ 1 रुपया लेंगे वेतन, पेश की है ईमानदारी की मिसाल

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त तहसीलदार हीरा लाल घेज्टा को 6 महीने के लिए फिर से नियुक्त किया है। हालांकि घेज्टा ने इस दौरान वेतन लेने से इनकार कर दिया है और केवल 1 रुपये प्रति माह टोकन मनी के रूप में स्वीकार करेंगे। घेज्टा पिछले 36 वर्षों से राजस्व विभाग में कार्यरत हैं और उनकी ईमानदारी और जन सेवा के लिए सराहना की जाती है।

By Anil Thakur Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 08 Sep 2024 10:02 PM (IST)
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Himachal News: सिर्फ 1 रुपया वेतन लेंगे तहसीलदार हीरालाल घेज्टा।

जागरण संवाददाता, शिमला। सेवानिवृत्ति के बाद पूर्न: रोजगार व सेवा विस्तार के लिए अधिकारी व कर्मचारी खूब जुगाड़ लगाते हैं। अधिकारी पूर्न: नियुक्ति के बाद सभी तरह की सुख सुविधाएं लेते हैं जो उन्हें पहले मिलती हैं।

तहसीलदार हीरा लाल घेज्टा ने बड़ी मिसाल पेश की है। 31 अगस्त काे तहसीलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए एचएल घेज्टा को राज्य सरकार ने 6 महीने के लिए पुर्न:नियुक्त किया है। उन्होंने एलान किया है कि इस बीच वह वेतन नहीं लेंगे। टोकन मनी के रूप में केवल 1 रुपये मासिक वेतन लेंगे।

ईमानदार अधिकारी में होती है गिनती

उन्होंने उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। घेज्टा पिछले 36 सालों से राजस्व विभाग में कार्यरत हैं। वह लंबे समय तक तहसीलदार व उससे पहले नायब तहसीलदार के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी गिनती अच्छे और ईमानदार अधिकारी के रूप में होती है।

वह जरूरतमंद लोगों की सहायता करने में भी आगे रहते हैं। प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। सरकार ने इस महीने कर्मचारियों को उनका मासिक वेतन 5 तारीख को दिया, जबकि पैंशनरों को अभी भी पैंशन का इंतजार है। ऐसे में उन्होंने अपना वेतन न लेने का ऐलान किया है।

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महासंघ के रह चुके हैं अध्यक्ष

एचएल घेज्टा राजस्व अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष भी रहे हैं। लंबे समय तक वह अध्यक्ष का पदभार संभाल चुके हैं। इस दौरान उन्होंने राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों के मुद्दे भी सरकार व प्रशासन के समक्ष उठाए। वे शिमला जिला के जुब्बल से संबंध रखते हैं। यह क्षेत्र सेब बागवानी के लिए मशहूर है।

सरकार ने भी विलंबित किया हैं वेतन

राज्य सरकार ने भी प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के चलते अपना वेतन दो महीनों के लिए विलंबित किया है। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार आईटी गोकुल बुटेल ने भी अपना मासिक वेतन छोड़ दिया है।

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