Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Himachal: पटवारी देंगे रसीद, मोबाइल पर आएगा मैसेज; अब राजस्व विभाग में शुल्क का भुगतान होगा ऑनलाइन

Himachal Pradesh हिमाचल के 12 जिलों में चार व पांच जनवरी को राजस्व अदालतें आयोजित की गईं । इनमें तकसीम व इंतकाल के हजारों मामलों का निपटारा किया गया है। करीब 35 हजार मामले लंबित थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 26 जनवरी तक इंतकाल और तकसीम के लंबित मामलों का निपटारा करने का निर्देश दिया था। हर माह दो दिन राजस्व अदालतों का आयोजन किया जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 06 Jan 2024 11:13 AM (IST)
Hero Image
Himachal: पटवारी देंगे रसीद, मोबाइल पर आएगा मैसेज

राज्य ब्यूरो, शिमला। राजस्व विभाग में अब शुल्क का भुगतान ऑनलाइन होने जा रहा है। इससे काम में पारदर्शिता आएगी और भष्ट्राचार भी समाप्त होगा। पटवार खाने में नकल व ततीमा प्राप्त करने वाले व्यक्ति के पास आनलाइन भुगतान करने का विकल्प उपलब्ध रहेगा।

26 तरह की राजस्व सेवाएं होंगी ऑनलाइन

पटवारी के आनलाइन रसीद देने पर मोबाइल फोन पर इसका संदेश आएगा। जब 29 तरह की राजस्व सेवाएं ऑनलाइन हो जाएंगी तो सचिवालय में बैठे अधिकारी को पता चलेगा कहां कितनी फीस ली गई। व्यक्ति का नाम और सेवा श्रेणी का पता चलेगा। राजस्व विभाग ने पिछले वर्ष पायलट आधार पर शिमला शहरी और शिमला ग्रामीण में इस सेवा को शुरू किया था। अब शीघ्र ही पूरे प्रदेश में सेवा शुरू होने जा रही है। पटवारी लोगों से मनमानी फीस की वसूली नहीं कर पाएंगे। फीस रजिस्टर को आनलाइन कर दिया गया है। राजस्व कार्य के लिए मनमानी फीस लेने के मामले सामने आते रहे हैं, जिससे निपटने के लिए यह व्यवस्था की गई है।

जमाबंदी का शुल्क रहेगा 11 रुपए

पांच रुपये में मिलेगी जमाबंदी की कॉपी राजस्व विभाग शुल्क दरों को संशोधन कर रहा है। इसके तहत जमाबंदी कापी का शुल्क पांच रुपये होगा। अभी शुल्क एक रुपये था। इस तरह की शुल्क दरें प्रति खतौनी के हिसाब से निर्धारित की जा रही हैं। ऐसी 29 नकलें हैं, जिनके फीस रजिस्टर को आनलाइन किया जा रहा है। लोक मित्र केंद्रों में जमाबंदी का शुल्क 11 रुपये रहेगा।

यह भी पढ़ें- HP High Court: डीजीपी संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा के ट्रांसफर मामले में हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

यह भी पढ़ें- अगले दो महीनों में Wildflower Hall की चाबी हिमाचल सरकार को सौंपे ओबेरॉय होटल ग्रुप, हिमाचल HC का बड़ा फैसला