माघी साजी की तैयारियों में जुटे हिमाचलवासी, ठियोग के गिरी गंगा घाट पर स्नान करने से मिलता है मोक्ष; जानिए क्या है मान्यता
माघी साजी को मनाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। साल भर में 12 संक्रांतियों में माघ की संक्रांति का विशेष महत्व होता है। खासकर ग्राम देवी देवताओं के मंदिरों में लोग इस दिन पहुंचकर साल भर अच्छी फसल घर में सुख-समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। ठियोग के माईपुल में गिरी गंगा के घाट पर हजारों की संख्या में लोग स्नान करने पहुंचते हैं।
संवाद सूत्र, ठियोग। उपमंडल ठियोग में मकर संक्रांति यानी माघी साजी को मनाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। साल भर में 12 संक्रांतियों में माघ की संक्रांति का विशेष महत्व होता है। खासकर ग्राम देवी देवताओं के मंदिरों में लोग इस दिन पहुंचकर साल भर अच्छी फसल, घर में सुख-समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
ठियोग के माईपुल में गिरी गंगा के घाट पर हजारों की संख्या में लोग स्नान करने पहुंचते हैं। यहां सुबह चार बजे भूतेश्वर महाराज स्नान करते हैं उसके बाद सभी के लिए घाट खुलता है।
स्नान के लिए लोगों के लिए किए गए विशेष प्रबंध
मंदिर के प्रमुख भरद्वाज के अनुसार इस साल भी स्नान के लिए आने वाले लोगों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का भी इंतजाम किया जाएगा। उधर ठियोग नगर में दुकानों पर मूंगफली, गज्जक और रेवड़ी सज गए हैं।
लोग गावों में तिल और गुड़ के लड्डू, माह और चावल की खिचड़ी बनाते हैं जो देसी घी के साथ बड़े चाव से खाई जाती है। खिचड़ी को गांव में बांटा भी जाता है। ठियोग से बहुत से लोग पवित्र स्नान के लिए हरिद्वार और अन्य तीर्थ स्थानों पर भी जाते हैं।
देवठियों में ईष्ट देवता के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं लोग
स्थानीय देवठियों में अपने इष्ट देवता के दर्शनों के लिए लोग देव स्थान पहुंचते हैं। इस दिन लोग देवता के दरबार पहुंचकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। देवठियों में भंडारे का विशेष प्रबंध किया जाता है। ठियोग की चिखड़ेश्वर व जनोग की देवठियों में भी भारी भीड़ रहती है।
गिरी गंगा घाट पर हजारों की संख्या में आस्था की डुबकी लगाते हैं लोग
जिस तरह जिला शिमला के तत्तापानी में मकर संक्रांति पर लोग स्नान करने के लिए तत्तापानी पहुंचते हैं उसी तरह ठियोग के माईपुल में गिरी गंगा के घाट पर हजारों की संख्या में स्थानीय लोग स्नान करने पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां सुबह चार बजे भूतेश्वर महाराज स्नान करते हैं उसके बाद सभी के लिए घाट खुलता है। लोगों की अपने ईष्ट देवी-देवताओं पर गहरी आस्था है।
इस दिन लोग तीर्थ स्थलों पर जाकर स्नान कर आस्था की डूबकी लगाते हैं। मंदिर के प्रबंधक ने बताया कि इस साल भी स्नान के लिए आने वाले लोगों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। यहां पर घाट के चारों ओर साफ-सफाई की गई है और लोगों से भी अपील की गई है कि वे इस पवित्र स्थान पर किसी भी तरह गंदगी न फैलाएं। मकर संक्रांति के दिन मंदिर परिसर में आने वाले लोगों के लिए भंडारे का भी प्रबंध किया जाएगा।