विधानसभा सत्र से पहले गरमाई हिमाचल की राजनीति, पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर टेंडर घोटाले के लगाए आरोप
Himachal News हिमाचल प्रदेश में पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने सुक्खू सरकार (Himachal Sarkar) पर निशाना कसते हुए आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री के विभाग में टेंडर आवंटन में घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि ब्यास नदी से पेयजल बनाना प्रस्तावित था जिसकी लागत शुरू में 200 करोड़ रुपए थे। लेकिन बाद में अधिकारियों ने 131 करोड़ रुपए की डीपीआर बनवाई।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले ही प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने उपमुख्यमंत्री के विभाग में टेंडर आवंटन में घोटाले का आरोप लगाया है।
उन्होंने शिमला में पत्रकारों से कहा कि हमीरपुर जिले के बडसर के लिए ब्यास नदी से पेयजल योजना बनाना प्रस्तावित था। इसकी लागत शुरू में 200 करोड़ रुपये थी, जिसका टेंडर आवंटित कर दिया। इसके बाद अधिकारियों ने दोबारा नजदीकी सतलुज नदी से पेयजल योजना के लिए 131 करोड़ रुपये की डीपीआर बनवाई।
केंद्रीय एजेंसियों को सौंपना होगा मामला
विभाग की कमेटी ने पहले की कंपनी को ही बिना टेंडर यह काम दे दिया। उन्होंने दावा किया कि कमेटी के एक सदस्य ने दो पन्ने का पत्र इस मामले पर सरकार को भेजा था।इसके बावजूद सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने मामले की विजिलेंस से जांच करवाने की मांग की है। यदि विजिलेंस की जांच नहीं होती है तो मामला केंद्रीय एजेंसियों को सौंपना होगा।
तीन कंपनियों को सौंपा काम
इसी विभाग में राज्य के पांच शहरों की सीवरेज योजना के लिए प्रोजेक्ट आया। नियमों के तहत इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों को वित्तीय व तकनीकी बिड में हिस्सा लेना था।पांच शहरों के टेंडर के लिए सभी कंपनियों ने तकनीकी बिड में हिस्सा लिया। दो कंपनियों को तकनीकी बिड से ही बाहर कर दिया। इन्हें वित्तीय बिड में हिस्सा लेने का अवसर तक नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बाद में तीनों कंपनियों को काम दिया। इसमें भी हेराफेरी हुई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।