Himachal Politics: हिमाचल में सियासत का खेल अभी भी जारी, चार्टर्ड प्लेन से ऋषिकेष पहुंचे कांग्रेस के 6 बागी विधायक
Himachal Politics राज्यसभा चुनाव में हार के बाद हिमाचल में शुरू हुआ सियासत का खेल अभी जारी है। कांग्रेस के 6 बागी विधायकों सहित 3 निर्दलीय विधायकों उत्तराखंड के ऋषिकेष पहुंंचे हैं। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद व्हिप की उल्लंघना करने के मामले में इन छह विधायकों को अयोग्य ठहराया गया था। अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Political Crisis: राज्यसभा चुनाव में हार के बाद हिमाचल में शुरू हुआ सियासत का खेल अभी भी जारी है। कांग्रेस के 6 बागी विधायकों सहित 3 निर्दलीय विधायकों को उत्तराखंड के ऋषिकेष में एक निजी होटल में ठहराया गया है। शुक्रवार दोपहर 1 बजे के करीब सभी विधायकों को चार्टर्ड प्लेन से ऋषिकेष पहुंचाया गया। ये सभी यहां एक निजी होटल में ठहरे हुए हैं।
अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में इंद्रदत्त लखनपाल, सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा व देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं। जबकि निर्दलीय विधायकों में होशियार सिंह, केएल ठाकुर व आशीष शर्मा हैं। जानकारी के अनुसार इनके साथ होटल में भाजपा के दो विधायक बिक्रम ठाकुर व त्रिलोक जमवाल भी ठहरे हुए हैं।
क्रॉस वोटिंग के बाद विधायकों को ठहराया था अयोग्य
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद व्हिप की उल्लंघना करने के मामले में इन छह विधायकों को अयोग्य ठहराया गया था। मुख्यमंत्री ने बैजनाथ में जनसभा के दौरान कहा कि चंडीगढ़ में रखे गए कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय विधायकों को कहीं और शिफ्ट कर दिया है। बीते 27 फरवरी से ये पंचकूला के होटल ललित में ठहरे हुए थे। बीते दो तीन दिनों से इन्हें अन्य जगह पर शिफ्ट करने की चर्चा चली हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैंसले पर है नजर
अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस के छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के फैंसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैंसला आने के बाद ही हिमाचल में राजनीतिक गतिविधि और तेज हो सकती है।
डैमेज कंट्रोल में जुटी है कांग्रेस
राज्यसभा चुनाव में बहुमत होने के बावजूद भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव में हार के बाद सियासी घटनाक्रम से कांग्रेस को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। विधायकों को एकजुट रखने के लिए सरकार ने काम शुरू कर दिया है।
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दो विधायकों को कैबिनेट रैंक का दर्जा दिया गया तो बोर्ड निगमों में भी ताजपोशी की तैयारी चल रही है। सरकार डैमेज कंट्रोल करने में जुटी हुई है। लेकिन सुप्रीमकोर्ट का फैंसला आने के बाद कई चीजें सपष्ट हो जाएगी। जिसके बाद राजनीतिक दल अपनी आगामी रणनीति पर काम करेंगे।