'सुधीर और राणा का सिर्फ तबादलों पर था ध्यान...', बागी नेताओं को लेकर बोले CM सुक्खू- फोन पर ही किए जाते थे ट्रांसफर
Himachal Pradesh Politics हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने कांग्रेस के पूर्व बागी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा व सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मात्र अधिकारियों के तबादले करवाने पर ही ध्यान दिया। सुधीर के फोन पर ही धर्मशाला में अधिकारी बदले जाते थे।
जागरण टीम, धर्मशाला/हमीरपुर। Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा और सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मात्र अधिकारियों के तबादले करवाने पर ही ध्यान दिया। सुधीर के फोन पर ही धर्मशाला में अधिकारी बदले जाते थे।
धर्मशाला विधानसभा (Dharamshala News) क्षेत्र के विकास से उन्हें कोई सरोकार नहीं रहा। इन दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विकास की कोई बात नहीं की। सुक्खू ने सोमवार को परिधि गृह धर्मशाला में पत्रकारों से कहा कि घर के नजदीक विधानसभा होने के बावजूद सुधीर शर्मा वहां कम दिखे।
जो बिक जाते हैं उन्हें बिका हुआ कहते हैं: CM सुक्खू
मैंने 16 माह के कार्यकाल में विशेषकर स्मार्ट सिटी को ज्यादा स्मार्ट बनाए जाने के लिए काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस धन-बल के दम पर भाजपा ने राज्यसभा की सीट चुराई है, उसका जवाब प्रदेश की जनता लोकसभा चुनाव व उपचुनाव में देगी। बागी पार्टी के भीतर रहकर बात करते हैं। जो पार्टी छोड़कर बिक जाते हैं, उन्हें बिके हुए विधायक कहते हैं।कांग्रेस से दूर हुए पूर्व विधायकों ने पैसे लेकर ईमान बेचा और जनता के मान सम्मान को ठेस पहुंचाई है। यदि ऐसे नेता चुनाव के दौरान लोगों के पास पैसे लेकर जाएं तो उनसे ज्यादा पैसे मांगें। जनता ने मान सम्मान के साथ इन्हें विधायक बनाया था।
चुनाव के समय विधायकों को मिले सिर्फ आधे पैसे: CM सुक्खू
राज्यसभा चुनाव के लिए पूर्व विधायकों को आधे ही पैसे मिले थे। इस कारण वे पहले पंचकूला व ऋषिकेश सहित कई अन्य जगह घूमते रहे।एक माह बाद प्रदेश में लौटकर उनका कहना था कि भाजपा ने उन्हें टिकट दिया और वे भाजपा के हो गए हैं। भाजपा का महाराष्ट्र व कर्नाटक में ऑपरेशन लोटस सफल रहा व दिल्ली में भी प्रयास जारी हैं लेकिन वहां वह सफल नहीं हो पाए।मुख्यमंत्री ने सुजानपुर विश्राम गृह परिसर में कहा कि राणा के मनपसंद अधिकारी सुजानपुर व टौणी देवी में लगाए गए। राणा क्षेत्र में क्रशर लगाने की बार-बार मांग करते रहे। अन्य विद्रोही विधायक भी खनन के कारोबार से जुड़े हैं और वे व्यापारी बनकर कार्य करते रहे।
ब्यास नदी के किनारे स्थापित क्रशर बंद करने पर वे सरकार के खिलाफ हो गए। प्रदेश में खड्डों और नदियों के खनन में करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का अनुमान है, जिसका जल्द रहस्योद्घाटन होगा।
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