Himachal Politics: चुनाव में हारे लेकिन हाईकमान-विधायकों को साधने में सफल रहे सुक्खू, बोले- अब और मजबूत होगी कांग्रेस
Himachal Political Crisis हिमाचल प्रदेश में हुआ सियासी घटनाक्रम थम गया है। मुख्यमंत्री सुक्खू हाईकमान और विधायकों को साधने में सफल रहे। सीएम ने पूरे घटनाक्रम की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। वहीं उन्होंने कहा कि इस घटना से कांग्रेस और मजबूत होकर उभरेगी। लोकसभा चुनाव में मजबूती के साथ खड़ी होगी। राज्यसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने बड़ा सबक लिया है।
अनिल ठाकुर, शिमला। Himachal Political Crisis: हिमाचल में दो दिनों तक चला सियासी घटनाक्रम थम गया है। पार्टी हाईकमान ने तय कर दिया है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे।
सरकार व संगठन के भीतर चल रही खिंचतान से मुख्यमंत्री भली भांति परिचित थे, लेकिन यह विरोध सत्तासीन कांग्रेस के प्रत्याशी को हरा देगा इसकी किसी को भनक नहीं थी। मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार भी किया। इसे इंटेलिजेंस का फेलियर कहे या कुछ और लेकिन जिम्मेदारी सरकार के मुखिया के नाते सुक्खू की थी।
सुक्खू हाईकमान और अपने विधायकों को साधने में रहे सफल
मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकार करते हुए जिम्मेदारी अपने ऊपर ली। हिमाचल की राजनीति में इस तरह की घटना पहले नहीं हुई। जो हुआ वह कांग्रेस को गहरे जख्म के साथ सीख भी दे गया। सीख ये कि जो पहले नहीं हुआ वह जरूरी नहीं भविष्य में भी न हो। इस पूरे घटनाक्रम के बाद भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हाईकमान व अपने विधायकों को साधने में पूरी तरह सफल रहे।विधायकों के साथ खड़े रहे सुक्खू
विधायकों की संख्या ज्यादा होने के चलते ही वह मुख्यमंत्री बने थे। ये विधायक उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। सरकार को बचाकर वह एक बड़े नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं। हिमाचल में अब लोकसभा के चुनाव होने हैं। सत्तासीन होने के बाद से ही सरकार व संगठन में बिखराव व गुटबाजी की स्थिति थी। कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने इसको लेकर विस्तृत चर्चा की है।
यह भी पढ़ें: Himachal Politics: टला नहीं हिमाचल सरकार का संकट, छह विधायक अयोग्य घोषित; आने वाले 24 घंटे सुक्खू के लिए मुश्किल भरे
विधायकों ने पर्यवेक्षकों के समक्ष यह बात भी रखी कि वे जो मामले पिछले छह महीनों से उठा रहे थे यदि समय रहते उनका समाधान किया होता तो यह नौबत न आती और राज्यसभा में जीत होती। इस हार से कांग्रेस पार्टी ने बड़ा सबक लिया है। पांच साल सरकार चले इसके लिए सरकार व संगठन को एकजुट करने का पूरा प्रयास किया गया है। समन्वय समिति गठित कर पार्टी ने बड़ा संदेश दिया है। राज्यसभा चुनावों में हार से सीख लेकर कांग्रेस पार्टी अब मजबूती के साथ मैदान में उतरेगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।