Himachal Politics: लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर कांग्रेस की हार के क्या रहे कारण? मंथन में जुटी पार्टी, संगठन में बदलाव की तैयारी
Himachal Politics हिमाचल प्रदेश उपचुनाव के बाद अब कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में करारी हार के कारणों पर मंथन करेगी। इसके लिए समिति गठित कर दी गई है। दो दिनों तक यह मंथन चलेगा। हार के क्या कारण रहे एक भी सीट पर जीत क्यों नहीं मिली इन सब मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। सीएम सुक्खू प्रतिभा सिंह मुकेश अग्निहोत्री के साथ बैठक होगी।
जागरण संवाददाता, शिमला। लोकसभा चुनावों में प्रदेश की चारों सीटों पर कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस को 68 विधानसभा हल्कों में से केवल 7 पर ही लीड मिली। बाकि विस क्षेत्रों में वह बूरी तरह पिछड़ी। हार के क्या कारण रहे इस पर अब पार्टी मंथन करने जा रही है।
सोमवार व मंगलवार को शिमला में हार के कारणों की समीक्षा होगी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के कारणों व विश्लेषण के लिए गठित दो सदस्यीय समिति गठित की है। इसमें पूर्व सांसद पीएल पुनिया व सांसद रजनी पाटिल शामिल हैं।
आलाकमान को सौपेंगे रिपोर्ट
दोनों रविवार दोपहर बाद शिमला पहुंच गए हैं। 15 व 16 जुलाई को विभिन्न सत्रों में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पार्टी नेताओं के साथ बैठके करेंगे। दो दिनों तक हार के कारणों पर मंथन होगा। पार्टी पदाधिकारियों से मिले फीडबैक के आधार पर दोनों पदाधिकारी अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे और कांग्रेस पार्टी आलाकमान को सौंपेगे।नए पदाधिकारियों को मिल सकती है जिम्मेदारी
रिपोर्ट के आधार पर संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारियों की लंबी फौज है। जिसमें कई तो ऐसे पदाधिकारी हैं जो नाम के हैं। पार्टी की बैठकों, कार्यक्रमों से उनकी दूरी बरकरार है। उन्हें पदमुक्त कर नए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी आने वाले समय में मिल सकती है।
सुक्खू, मुकेश व प्रतिभा के साथ होगी बैठक
पार्टी की ओर से तय कार्यक्रम के अनुसार 15 जुलाई को सुबह 10 बजे से 11:30 बजे तक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह व उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ बैठक होगी व इसके बाद के बाद चुनाव समन्वय समिति के साथ बैठक होगी। इसमें चुनावी समन्वय कैसा था, सरकार होते हुए भी कांग्रेस क्यों पिछड़ी इस पर चर्चा होगी।यह भी पढ़ें- Himachal Politics: और मजबूत बनकर उभरे CM सुक्खू, ऊपरी और निचले हिमाचल में मजबूत हुई पैंठ, आगे क्या है चुनौती?
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