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Himachal:15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों को रास्ते से हटाने की तैयारी में सुक्खू सरकार, अब सड़कों पर उतरेंगे E-Vehicles

Himachal हिमाचल प्रदेश के सरकारी विभागों बोर्ड व निगमों में 15 साल पुराने वाहनों के पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) को रद कर दिया गया है। इनकी जगह पर सरकार इलेक्ट्रिक वाहन उतारने की तैयारी में जुटी है। स्क्रैप की सुविधा जल्द ही जिला स्तर पर होगी। इसके लिए जिला स्तर पर स्क्रैप सेंटर खाेलने जा रही है। उन्होंने कहा कि ई टैक्सी योजना के तहत 1221 आवेदन आए थे।

By Anil Thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 13 Jan 2024 03:27 PM (IST)
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विभाग 22 जनवरी को विशेष कार्यशाला आयोजित कर रहा है
जागरण संवाददाता, शिमला। राज्य के सरकारी विभागों, बोर्ड व निगमों में 15 साल पुराने वाहनों के पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) को रद कर दिया गया है। राज्य सरकार ऐसे सभी वाहनों को बदल कर इनके स्थान पर ई वाहनों को शामिल करेगी। इन सभी वाहनों का पंजीकरण रद कर परिवहन विभाग के ऑफिशियल पोर्टल से इन्हें हटा दिया है। यदि कोई विभाग इन गाड़ियों को चलाता है तो वह अवैध संचालन माना जाएगा। ऐसा करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रेसवार्ता के दौरान इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुराने हो चुके वाहनों को सरकार स्क्रैप करेगी। स्क्रैप की सुविधा जल्द ही जिला स्तर पर होगी। इसके लिए जिला स्तर पर स्क्रैप सेंटर खाेलने जा रही है। उन्होंने कहा कि ई टैक्सी योजना के तहत 1221 आवेदन आए थे, इसमें 111 गाड़ियों की डिमांड सरकारी विभागों से आई है।

पहाड़ पर सीट बैल्ट की अनिवार्यता पर होगी स्टडी

पहाड़ी राज्य हिमाचल में सीट बैल्ट की अनिवार्यता पर स्टडी होगी। परिवहन विभाग ने आईआईटी मंडी से इसकी स्टडी करवाने का निर्णय लिया है। दरअसल हिमाचल के अलावा जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड सहित कुछ अन्य राज्यों में यह मांग उठ रही थी कि पहाड़ी राज्यों में इस शर्त को हटाया जाए। क्योंकि दुर्घटना के समय कई बार सीट बेल्ट लगी होने से व्यक्ति गाड़ी में बूरी तरह फंस जाता है। गाड़ी जब दुर्घटना के समय पलटती है तो कई मर्तबा इसमें बैठे यात्री, चालक बाहर निकल जाते हैं, सीट बेल्ट से ऐसा नहीं हो पाता। प्रदेशभर से उठ रही मांग के बाद अब विभाग इस पर आईआईटी मंडी से शोध करवा रहा है।

भ्रष्टाचार पर प्रहार, वाहनों की मैनुअल फिटनेस बंद

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। वाहनों की फिटनेस अभी तक मैनुअली होती थी। इसमें बदलाव कर दिया गया है। अब फिटनेस स्वचलित परीक्षण केंद्रों में होगी। इसके लिए एटीएस सेंटर जिला स्तर पर खोले जा रहे हैं। एक अक्टूबर से इस सुविधा को शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। निजी क्षेत्र में भी इन केंद्रों को खेाला जा सकता है। इसके लिए विभाग ने लोगों से निविदाएं मांगी है। इसमें पहले एक बार गाड़ी चैक होगी, यदि नियमों पर यह फिट नहीं पाई जाती तो एक और मौका दिया जाएगा ताकि वह मैकेनिकली गाड़ी ठीक करवा सकें। यदि दूसरी बार भी यह फेल हो जाती है तो फिर इसका पंजीकरण रद कर दिया जाएगा और यह स्क्रैप में जाएगी।

अधिकारी करेंगे ई चालान

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटीओ, एआरटीओ सहित अन्य अधिकारी अब ई चालान करेंगे। 31 मार्च के बाद मैनुअल चालान काटना बंद हो जाएगा। सभी को पुलिस की तरह पीओएस मशीनें दी जाएगी। सभी परिवहन बैरियरों पर एएनपीआर सीसीटीवी प्रणाली स्थापित की जा रही है। तेज रफ्तार, बिना सीट बेल्ट, सहित अन्य तरह का रिकार्ड अपने आप इसमें आ जाएगा। इससे टैक्स चोरी कम होगी और राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इससे यह भी पता लग जाएगा कि गाड़ी का पिछला टैक्स बकाया तो नहीं है। इस प्रणाली के माध्यम से वाहनों को तेज गति से चलाना खतरनाक ड्राइविंग मोबाइल उपयोग पर भी नजर रहेगी। 6 बैरियरों पर 31 मार्च तक यह काम पूरा हो जाएगा। जबकि अन्य पर 30 जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

गुड स्मार्टियन बनें, मिलेगा ईनाम

परिवहन विभाग ने लोगों अपील की है कि सड़क हादसें में यदि कोई घायल को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाता है तो उसे विभाग 5 हजार का ईनाम देगा। पुलिस पहले जो गवाह बनाती थी वह सारी औपचारिक्ताएं अब नहीं होगी। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वह गुड स्मार्टियन बनें।

15 जनवरी से चलेगा विशेष अभियान

सड़क हादसों को कम करने व यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभाग 15 जनवरी से विशेष अभियान चला रहा है। 4 चरणों में यह अभियान चलेगा। इस अभियान के तहत 18 साल की आयु पूरी कर चुके बच्चें यदि वाहन चलाते हैं तो उन्हें लाइसेंस बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रदेश में 1 लाख 15 हजार महिला चालक हैं। इनके लिए भी विभाग 22 जनवरी को विशेष कार्यशाला आयोजित कर रहा है। इसमें इन्हें यातायात नियमों की पालना के बारे में बताया जाएगा।

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