Himachal Election 2022: हिमाचल में भाजपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा व कांग्रेस का भविष्य दांव पर, यह हैं समीकरण
Himachal Pradesh Assembly Election 2022 हिमाचल में भाजपा ने रिवाज बदलने तो कांग्रेस नेताओं ने सत्ता बदलने के लिए चुनाव मैदान में खूब पसीना बहाया। हार-जीत दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। 25 साल बाद वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल मुख्य भूमिका में नहीं थे।
शिमला, अनिल ठाकुर। Himachal Pradesh Assembly Election 2022, हिमाचल में भाजपा ने रिवाज बदलने तो कांग्रेस नेताओं ने सत्ता बदलने के लिए चुनाव मैदान में खूब पसीना बहाया। हार-जीत दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। हिमाचल की राजनीति में करीब 25 साल बाद यह पहला मौका था, जब पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अलावा भाजपा की तरफ से प्रेम कुमार धूमल चुनाव में मुख्य भूमिका में नहीं थे। वीरभद्र सिंह का निधन हो चुका है, जबकि प्रेम कुमार धूमल ने चुनाव नहीं लड़ा। धूमल हालांकि चुनाव प्रचार में सक्रिय रहे।
नड्डा व अनुराग हिमाचल से संबंधित
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल से संबंध रखते हैं। हिमाचल में 1985 के बाद अब तक कोई भी सरकार रिपीट नहीं हुई है। ऐसे में यदि भाजपा रिवाज बदलने में कामयाब होती है तो इन दोनों नेताओं का राजनीतिक कद बढ़ेगा। नड्डा ने चुनाव प्रबंधन से लेकर असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए पसीना बहाया। दूसरी तरफ कांग्रेस का भविष्य भी यह चुनाव तय करेंगे। कांग्रेस यदि सत्ता परिवर्तन में कामयाब रहती है तो प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को श्रेय जाएगा। बिना वीरभद्र के मैदान में उतरी कांग्रेस के लिए शुरू से ही यह चुनाव चुनौतीपूर्ण रहा है।
10 सीटों पर असंतुष्ट मुख्य मुकाबले में आए नजर
शुरू से ही कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर दिख रही थी। रही सही कसर असंतुष्ट नेताओं ने पूरी कर दी। 68 में से लगभग 24 सीटें ऐसी हैं, जहां दोनों दलों के बागियों ने मुकाबला त्रिकोणीय बनाया। इनमें से 10 सीटों पर तो बागी मुख्य मुकाबले में नजर आए। प्रदेश की सत्ता किसे मिलेगी, इसका फैसला इन्हीं 10 सीटों के नतीजे करेंगे। इनमें पच्छाद, चौपाल, ठियोग, आनी, सुलह, झंडूत्ता, नालागढ़, अर्की, हमीरपुर, बिलासपुर सदर शामिल है।
मंडी-कांगड़ा से निकलेगी सत्ता की राह
2017 के चुनाव में मंडी जिला की 10 में से 9 सीटें भाजपा ने जीती थीं, जबकि एक सीट पर निर्दलीय चुनाव जीता था। वहीं, कांगड़ा जिला में भी भाजपा के पास 15 में से 11 सीटें थीं। कांग्रेस के तीन ही विधायक विधानसभा पहुंचे थे। हर बार सत्ता की चाबी इन्हीं जिलों के हाथ में रहती है। मंडी मुख्यमंत्री का गृह जिला है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद है कि यहां प्रदर्शन अच्छा रहेगा।
दुकानों पर सरकार बनाने की चर्चा
हिमाचल में रिवाज बदलेगा या फिर सत्ता परिवर्तन होगा, इसको लेकर लोगों में बहस छिड़ी है। रविवार को शिमला शहर से लेकर गांव में सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की रही कि सरकार किसकी बन रही है। इंटरनेट मीडिया पर भी नेताओं के समर्थक लोगों की राय जानते रहे। प्रत्याशियों के कुछ समर्थक तो हार-जीत पर शर्त भी लगाने को तैयार दिखाई दिए।