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Himachal Politics: 'सोच समझ कर बोलें...', विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने जयराम ठाकुर को दे दी चेतावनी

हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Assembly) के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया (Kuldeep Singh Pathania) ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) की ओर से की जा रही टिप्पणियों पर चेतावनी दी है। उन्होंने जयराम ठाकुर को मर्यादा में बोलने की नसीगत दे दी। उन्होंने कहा कि सदन में लिए गए निर्णयों पर सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करना सरासर गलत है।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Rajiv Mishra Updated: Thu, 27 Jun 2024 11:02 AM (IST)
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विधानसभा अध्यक्ष ने जयराम ठाकुर को दी नसीहत
राज्य ब्यूरो, शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा सार्वजनिक तौर पर की जा रही टिप्पणियों को बहुत गंभीरतापूर्वक लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने चेतावनी दी है। उनका कहना है कि बतौर अध्यक्ष उनके निर्णयों की आलोचना करना दो तरह का उल्लंघन माना जाएगा।

पहला, उल्लंघन विधानसभा अध्यक्ष के पद का और दूसरा, सदन की अवमानना करना है। विधानसभा परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि सदन में नियमों की परिधि में लिए गए निर्णयों पर सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी करना उल्लंघन माना जाएगा।

जयराम ठाकुर को दी चेतावनी

उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को चेतावनी दी कि वह अपनी सोच और शब्दों पर नियंत्रण रखें अन्यथा उन्हें फिर से मजबूरन कोई संवैधानिक कदम उठाना पड़ेगा। पठानिया ने स्पष्ट किया कि किसी भी विधायक द्वारा उनके निर्णयों की आलोचना अवमानना के दायरे में आती है, फिर यह आलोचना सदन के भीतर हो या सदन के बाहर।

उन्होंने कहा कि जिस तरह अदालत के निर्णयों की आलोचना अवमानना के दायरे में आती है। उसी तरह विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय की आलोचना थी, अवमानना के दायरे में आती है।

सदन के निर्णयों पर सार्वजनिक बयानबाजी न करें

उनका कहना था कि सदन में लिए गए निर्णय की समीक्षा केवल सदन के भीतर हो सकती है। उसके लिए भी विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति जरूरी रहेगी।

मेरे द्वारा लिए गए निर्णयों को न केवल जनता ने, बल्कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने भी सही ठहराया है। इसपर उनका कहना था कि ऐसे में इन फैसलों पर पब्लिक डोमेन में बयानबाजी करना सरासर गलत है और नियमों का उल्लंघन है।

विधानसभा अध्यक्ष के पास अधिकार

विधानसभा अध्यक्ष पठानिया ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और विपक्ष के अन्य विधायक व नेता राजनीतिक लाभ लेने के लिए विधानसभा में मेरे द्वारा लिए गए निर्णयों पर सार्वजनिक मंचों से बयानबाजी कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की परंपरा को रोकने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास तीन तरह के अधिकार क्षेत्र मौजूद है। संवैधानिक अदालत विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों में दखल नहीं दे सकती।

'ध्यान रहे, मुझे प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं'

कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि मेरा आचरण क्या होना चाहिए क्या नहीं होना चाहिए इसके लिए मुझे नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से प्रमाण पत्र नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा लिए गए निर्णयों को प्रदेश की जनता ने प्रमाण पत्र दे दिया है।

उसका उदाहरण है हाल ही में संपन्न हुए 6 विधानसभा उपचुनाव, जिसमें से 4 सीटों पर प्रदेश की जनता ने बर्खास्त किए गए 6 विधायकों में से 4 को हराकर नकार दिया। बर्खास्त विधायकों में केवल 2 विधायक जीतकर आए हैं। जबकि 4 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को चुनकर भेजा है।

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सदन में आएगा 9 भाजपा सदस्यों पर निर्णय

कुलदीप सिंह पठानिया ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भाजपा के 9 विधायकों विपिन सिंह परमार, सतपाल सिंह सत्ती, विनोद कुमार, इंद्र सिंह गांधी, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शौरी, दीपराज व लोकेंद्र कुमार के खिलाफ अगले सत्र के दौरान सदन में निर्णय सुनाया जाएगा।

इस संबंध में सत्तापक्ष के विधायकों की ओर से शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर 9 भाजपा विधायकों को नोटिस दिया था, जिसका लिखित तौर पर जवाब आ चुका है और अब उपयुक्त समय पर वह इस मुद्दे पर सदन के भीतर अपना फैसला सुनाएंगे।

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