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Himachal Pradesh: सीएम सुक्खू ने केंद्र सरकार से किया आग्रह, कहा- हिमाचल प्रदेश के लिए आपदा कोष बढ़ाया जाए

हिमाचल के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश के लिए आपदा कोष में वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि कठिन स्थलाकृति और जलवायु परिस्थितियों के वजह से राज्य अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Mon, 16 Jan 2023 12:44 PM (IST)
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सीएम सुक्खू ने केंद्र सरकार से किया आग्रह, कहा- हिमाचल प्रदेश के लिए आपदा कोष बढ़ाया जाए

शिमला, पीटीआई । हिमाचल के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश के लिए आपदा कोष में वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि कठिन स्थलाकृति और जलवायु परिस्थितियों के वजह से राज्य अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त है। सीएम सुक्खू ने रविवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा चंबा जिले के जोत और मंडी जिला के मुरारी देवी में डॉप्लर वेदर रडार स्थापित करने के बाद उद्घाटन समारोह में वर्चुअली माध्यम से यह बात कही।

आदिवासी इलाकों को रडार में लाने का किया आग्रह 

15 जनवरी, 2021 को जारी एक बयान में कहा गया कि शिमला के पास कुफरी में एक डॉपलर मौसम रडार स्थापित किया गया था और इन दो अतिरिक्त राडारों के चालू होने से राज्य का लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्र मौसम पूर्वानुमान के लिए कवर हो जाएगा। सुक्खू केंद्रीय राज्य मंत्री से आदिवासी किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों का लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र इन राडारों के अंतर्गत नहीं आएगा, इन जिलों के लिए अतिरिक्त रडार प्रदान करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में बादल फटने से किन्नौर जिले में भारी नुकसान हुआ है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि पहले से निवारक उपाय करने के लिए एक उचित मौसम पूर्वानुमान तंत्र विकसित किया जाए।

100 किमी के दायरे का पूर्वानुमान करने में सक्षम होंगी रडार 

उन्होंने कहा कि बादल फटने की इन घटनाओं से इलाके में खासकर बिजली परियोजनाओं को भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये रडार सभी दिशाओं में 100 किलोमीटर के दायरे में भारी बारिश, आंधी और ओलावृष्टि का पूर्वानुमान करने में सक्षम होंगी, विशेष रूप से कम दूरी के पूर्वानुमान के लिए और राज्य के लिए क्षेत्र विशेष के पूर्वानुमान और चेतावनी में सुधार करने में सहायक होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे मौसम की निगरानी क्षमताओं को भी बढ़ाएंगे और सटीक डेटा उत्पन्न करेंगे जो प्रशासन को मौसम जनित आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए पूर्व-व्यवस्था करने में मदद करेंगे।