Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Himachal Drought: हिमाचल में सदी का सबसे भयंकर सूखा, 110 सालों में ग्यारहवीं बार बन रहे इस तरह के हालात; बारिश के इंतजार में पथराई आंखें

Himachal Pradesh Drought हिमाचल प्रदेश इस समय शताब्दी के सबसे बड़े सूखे के दौर से गुजर रहा है। यह जानकर हैरानी होगी कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 110 सालों में इस तरह के हालात ग्यारहवीं बार बने हैं जब बारिश का न्यूनतम स्तर माइनस 99.7 फीसदी आंका गया है। हिमाचल में अब तक 0.1 फीसदी भी बारिश नहीं हुई है।

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 20 Jan 2024 04:49 PM (IST)
Hero Image
Himachal Pradesh Drought: हिमाचल में सदी का सबसे भयंकर सूखा,

डिजिटल डेस्क, शिमला (Draught In Himachal)। भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश के अन्नदाता पूरे वर्ष दिन रात मेहनत करते हैं और तब जाकर उन्हें इसका फल मिलता है। मगर दुर्भाग्य मौसम और वातावरण पर निर्भर रहने वाले देश के किसान अंत में मौसम की ही मार झेलते हैं। कभी बेमौसम बारिश तो कभी सीजन में भी वर्षा का न होना किसानों की करी कराई मेहनत पर पानी फेर देता है हिमाचल प्रदेश में इन दिनों यही हाल है।

किसानों की बढ़ रही परेशानी

यहां धुंध और कोहरा तो खूब है लेकिन बारिश और बर्फबारी इस सीजन मानो छूमंतर हो गई है। यही कारण है कि अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की शिकन दिखने लगी है। प्रदेश में दिसंबर और जनवरी महीने में सूखे के चलते रबी की फसलों को नुकसान भी पहुंच रहा है। मिली जानकारी के अनुसार मौसम की अनुकूलता के चलते 15 फीसदी नुकसान का आंकलन लगाया जा रहा है।

सूखे के सबसे बड़े दौर से गुजर रहा हिमाचल

हिमाचल इस समय शताब्दी के सबसे बड़े सूखे के दौर से गुजर रहा है। यह जानकर हैरानी होगी कि प्रदेश में पिछले 110 सालों में इस तरह के हालात ग्यारहवीं बार बने हैं, जब बारिश का न्यूनतम स्तर माइनस 99.7 फीसदी आंका गया है। हिमाचल में अब तक 0.1 फीसदी भी बारिश नहीं हुई है, जबकि इस समय बारिश का आकलन 43.1 फीसदी है। यही कारण है कि मौसम की अनुकूलता के चलते सब्जियां और फसलें बुरी तरह प्रभावित है और यह इस वक्त किसानों की बड़ी समस्या बने हुए हैं।

पिछले दो महीनों में 49.18 लाख का नुकसान

प्रदेश के सोलन जिले की बात करें तो यहां के किसान बारिश न होने के चलते नुकसान झेल रहे हैं। पिछले लंबे समय से बारिश न होने के चलते यहां सूखे की स्थिति बन गई है। यहां रबी सीजन की लगभग सभी फसलें सूखे की चपेट में है। अगर आने वाले दिनों में बारिश न हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं। जिला कृषि उपनिदेशक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस रबी सीजन में पिछले दो माह के दौरान ही फसलों को 49.18 लाख का नुकसान हुआ है।

सूखे के चलते बढ़ रहीं आग की घटनाएं

हिमाचल प्रदेश में करीब ढाई महीने से सूखे के चलते आग की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। जनवरी महीने में 13 दिनों में आग की 182 घटनाएं पेश आई हैं। इसके कारण अब तक दो करोड़ से अधिक की संपत्ति व वन संपदा को नुकसान हुआ है। घनी और सूखी घास को ठिकाने लगाने के लिए लोग जंगलों में आग लगा देते हैं। इस तरह की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है।

दस से पंद्रह में आ जाएगी सूखे के कारण प्रभावित फसलों की रिपोर्ट

कृषि विभाग के निदेशक कुमुद सिंह कहते हैं कि सूखे के कारण फसलों के प्रभावित होने की रिपोर्ट दस से पंद्रह दिनों में आ जाएगी। इस संबंध में सभी जिलों से फील्ड आधार पर डाटा मांगा गया है। सिंचित क्षेत्रों में ज्यादा असर फसलों पर नहीं पड़ा है। कृषि विभाग निदेशक ने मौसम की अनुकूलता पर गंभीरता व्यक्त की है।

कब आएगा मानसून?

मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार 26 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बर्फबारी व वर्षा की संभावना जताई गई है। जबकि चार जिलों ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर और मंडी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर घना कोहरा, कोल्ड वेव यानी शीतलहर और जमीन पर पाले की अधिकता को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। दो जिलों सोलन और सिरमैार में घनी धुंध का येलो अलर्ट जारी किया है।

यह भी पढ़ें- Ram Mandir: आज से श्रीराम की नगरी में रंग जाएगी पहाड़ियों की नगरी, शिमला में तीन दिन तक चलेगा शोभायात्रा का कार्यक्रम

यह भी पढ़ें- Ram Mandir Inauguration: 'हिमाचल में 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करे सुक्‍खू सरकार', जयराम ठाकुर ने उठाई मांग

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें