हिमाचल में उपभोक्ताओं की उड़ी नींद, फिर महंगी हुई बिजली; दूध और पर्यावरण सेस से बढ़ी दरें
Himachal Pradesh Electricity Hike हिमाचल प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। राज्य सरकार (Himachal Sarkar) ने बिजली दरों में दूध सेस और पर्यावरण सेस लगाकर दरों में इजाफा कर दिया है। घरेलू उपभोक्ताओं पर दूध सेस लागू होगा जबकि अन्य उपभोक्ताओं पर पर्यावरण सेस लगेगा। इस सेस से बिजली का बिल बढ़ जाएगा। इससे लोगों की मुसीबतें बढ़ जाएंगी।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका लगा है। राज्य सरकार ने बिजली की दरों में दूध सेस व पर्यावरण सेस लगाकर दरों को बढ़ा दिया है।
घरेलू उपभोक्ता पर दूध सेस ही लागू होगा, हालांकि पर्यावरण सेस अन्य उपभोक्ताओं को लगा है। इससे अब बिजली का बिल ओर बढ़ जाएगा।इस एक्ट में संशोधन के बाद के बाद अब घरेलू उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट बिजली खपत पर 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से मिल्क सेस अतिरिक्त देना होगा।
जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल जीरो होगा, उनपर इस सेस का बोझ नहीं पड़ेगा। इस सेस से आने वाला राजस्व हिमाचल में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाएगा।यह भी पढ़ें- Himachal Free Bijli: गरीब परिवारों को मिलती रहेगी 300 यूनिट फ्री बिजली, आर्थिक संकट के बीच CM सुक्खू का एलान
पर्यावरण सेस से बढ़ाया जाएगा बिजली उत्पादन
इसके तहत पर्यावरण सेस के रुप में लघु औद्योगिक ऊर्जा यूनिट में पर्यावरण सेस के तौर पर 2 पैसे प्रति यूनिट, मध्यम औद्योगिक ऊर्जा पर 4 पैसे प्रति यूनिट, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे प्रति यूनिट और कामर्शियल सेक्टर पर 10 पैसे प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लगेगा।अस्थाई कनेक्शन पर 2 रुपये प्रति यूनिट, स्टोन क्रेशर पर भी 2 रुपये प्रति यूनिट और इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन पर 6 रुपये प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लगेगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।किस पर कितना पर्यावरण सेस
- लघु औद्योगिक ऊर्जा 0.02 प्रति यूनिट
- मध्यम औद्योगिक ऊर्जा 0.04 प्रति यूनिट
- बड़े औद्योगिक ऊर्जा 0.10 प्रति यूनिट
- कॉमर्शियल कनेक्शन 0.10 प्रति यूनिट
- अस्थाई कनेक्शन 2.00 प्रति यूनि
- स्टोन क्रशर 2.00 प्रति यूनि
- इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन 6.00 प्रति यूनिट
- हिमाचल में कितने बिजली उपभोक्ता