दीपावली पर सुक्खू सरकार दे सकती है बड़ा तोहफा, कर्मचारियों और पेंशनरों को 4 प्रतिशत डीए मिलने की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश सरकार वित्तीय प्रबंधन के जरिए राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि इस बार दिवाली पर उन्हें डीए यानी महंगाई भत्ता मिलेगा। सरकार ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं जिसमें मंत्रियों और अधिकारियों के वेतन-भत्तों में कटौती भी शामिल है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। वित्त प्रबंधन करके राज्य को आर्थिक तौर पर सुदृढ़ करने में जुटी प्रदेश सरकार से कर्मचारियों व पेंशनरों को आशा है कि इस बार दिवाली पर डीए, महंगाई भत्ता हाथों में आएगा। आर्थिक संकट के दौर से मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल, मुख्य संसदीय सचिव और कैबिनेट रैंक के सलाहकार पिछले महीने वेतन-भत्तों को दो माह के लिए अविलंबित कर चुके हैं।
सरकार ने पहल अपने से शुरू की और उसके बाद वेतन-पेंशन मामले में कर्मचारियों व पेंशनरों से सहयोग मांगा। सरकार के प्रयासों से डेढ़ साल के भीतर दो हजार करोड़ से अधिक का राजस्व एकत्र हुआ है। ऐसी संभावना है कि इस बार दिवाली पर कर्मचारियों व पेंशनरों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल सकता है।
सरकार को कर्मचारियों व पेंशनरों को एक प्रतिशत महंगाई भत्ते (डीए) का भुगतान करने के लिए सरकार को 150 करोड़ रुपये का प्रबंधन करना होगा। यदि सरकार चार प्रतिशत डीए देती है तो आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार को 600 करोड़ रुपये चाहिए होंगे।
प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों को जनवरी 2023 से डीए का भुगतान किया जाना है। डीए की चार-चार प्रतिशत की तीन किस्तें लंबित हैं। इसके लिए कर्मचारियों व पेंशनरों से जुड़े संगठन आवाज उठा रहे हैं। दीपावली पर कर्मचारियों व पेंशनरों को डीए जारी किए जाने की संभावना है।
जनवरी, 2023, जुलाई, 2023 व जनवरी, 2024 की तीन किश्तों का चार-चार प्रतिशत डीए लंबित पड़ा हुआ है। यदि सरकार को पूरा डीए भुगतान करना हो तो दो हजार करोड़ रुपये की दरकार रहेगी।
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर का कहना है कि पिछले दिनों कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट की थी। मुख्यमंत्री से डीए देने का मामला भी रखा था। ये भी सत्य है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति किसी से छुपी नहीं रही है। उसके बावजूद आशा है कि इस बार दिवाली पर डीए मिल सकता है।
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा का मत है कि समस्त कर्मचारी इससे अवगत है कि प्रदेश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। हम चाहते हैं कि सरकार किसी स्तर पर बकाया डीए देने की शुरूआत करे।