होम स्टे के नियमों में बदलाव पर उलझन में सुक्खू सरकार, मंत्रिमंडल ने विभाग को वापस भेजा प्रस्ताव
होम स्टे के नियमों में बदलाव को लेकर हिमाचल की सुक्खू सरकार उलझन में है। शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटन विभाग की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया। मामले पर विस्तृत चर्चा हुई लेकिन स्वीकृति नहीं मिल पाई। मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव लौटा कर कुछ और बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी देने को कहा है। अब अगली मंत्रिमंडल की बैठक में इसे चर्चा के लिए लाया जाएगा।
अनिल ठाकुर, शिमला। हिमाचल में होम स्टे के लिए नियमों में बदलाव पर सरकार उलझन में है। शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटन विभाग की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया। मामले पर विस्तृत चर्चा हुई, लेकिन स्वीकृति नहीं मिल पाई। मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव लौटा कर कुछ और बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी देने को कहा है। अब अगली मंत्रिमंडल की बैठक में इसे चर्चा के लिए लाया जाएगा।
होम स्टे के नियमों पर नहीं बन पा रही सहमति
इस मामले को 22 अक्टूबर को भी मंत्रिमंडल की बैठक में लाया गया था। इससे पहले दो बार मंत्रिमंडल की बैठक में इसको लेकर चर्चा हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार होम स्टे के लिए जो नियम बनाए हैं उसको लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।
पर्यटन विभाग ने जो प्रस्ताव भेजा था उसके तहत होम स्टे के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया था। प्रति कमरे का किराया सुविधाओं के अनुसार ही तय करने का प्रविधान था। होम स्टे के लिए बिजली व पानी व्यावसायिक दर पर देने का प्रस्ताव था। यदि कोई व्यक्ति घर के खाली क्षेत्र में इसे चला रहा है तब भी उसे अलग से बिजली व पानी का मीटर लेना होगा।
यह है सबसे बड़ा बदलाव
प्रस्ताव में ऐसे लोग जिन्होंने धारा-118 के तहत जमीन खरीदी है वह उस पर होम स्टे नहीं चलाने की अनुमति नहीं है। सूत्रों के अनुसार इस पर कुछ आपत्तियां आ रही हैं। इस पर कानूनी राय भी ली जा रही है।
होम स्टे का पंजीकरण शुल्क ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग प्रस्तावित है। हिमाचल में चार हजार होम स्टे पंजीकृत हैं। मंत्रिमंडल यदि नए नियमों को स्वीकृति देता है तो सभी इसके दायरे में आ जाएंगे।
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