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हिमाचल में होम स्टे के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य, नियमों में बदलाव की तैयारी में सरकार; कैबिनेट करेगी फैसला

Himachal Pradesh News हिमाचल सरकार होमस्टे के नियमों (Home Stay Rules in Himachal) में बदलाव करने जा रही है। शनिवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा होगी। नए नियमों के अनुसार होमस्टे के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा और किराया पर्यटन विभाग तय करेगा। बिजली-पानी व्यवसायिक दर पर मिलेगा। धारा-118 के तहत खरीदी गई संपत्ति पर होमस्टे नहीं चल सकेगा।

By Anil Thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 15 Nov 2024 05:38 PM (IST)
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Himachal Pradesh News: हिमाचल में होम स्टे के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में होम स्टे के लिए नियमों में सरकार बदलाव करने जा रही है। शनिवार को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर चर्चा होगी। बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी। 22 अक्टूबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भी पर्यटन विभाग की ओर से यह प्रस्ताव भेजा गया था।

कैबिनेट ने इस पर कुछ और जानकारी मांगी थी, जिसके कारण इसे दोबारा इस बैठक में रखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार होम स्टे के लिए बनाए गए नए नियमों के अनुसार होम स्टे के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।

प्रति कमरे का किराया पर्यटन विभाग सुविधाओं के अनुसार ही तय करेगा। होम स्टे के लिए बिजली व पानी व्यवसायिक दर पर मिलेगा। यदि कोई व्यक्ति अपने घर के खाली एरिया में इसे चला रहा है तब भी उसे अलग से बिजली व पानी का मीटर लेना होगा।

हिमाचल में रजिस्टर्ड हैं 4 हजार होम स्टे

ऐसे लोग जिन्होंने धारा-118 के तहत खरीदी है वह उस पर होम स्टे नहीं चला सकेंगे। होम स्टे का पंजीकरण शुल्क ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग होगा।

पर्यटन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेज दिया है। हिमाचल में में 4 हजार के करीब होम स्टे पंजीकृत हैं। ये सभी नए नियमों के दायरे में आएंगे।

वर्ष 2008 में होम स्टे नीति बनाई गई थी। युवाओं को स्वरोजगार देने के मकसद से तत्कालीन सरकार यह नीति लाई थी। पहले इसमें तीन कमरों में होम स्टे चला सकते थे, बाद में इसे बढ़ाकर 5 कमरे किया गया था।

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बैठक में विभिन्न सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने, करूणामूलक आधार पर नौकरियां देने के लिए नियमों में बदलाव, व्यवसायिक शिक्षकों के मामलों पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तिथि भी तय हो सकती है।

सीपीएस मामले मंत्रियों की राय जानेंगे मुख्यमंत्री

मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश उच्च न्यायलय के सीपीएस को लेकर आए फैसले पर चर्चा करेंगे। इसमें मंत्रिमंडल के सहयोगियों की राय भी जानी जाएगी। हालांकि राज्य सरकार पहले ही इस मामलें में सर्वोच्च न्यायालय जा चुकी है। बावजूद इस पर बैठक में चर्चा की जाएगी।

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