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सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों की खैर नहीं! कार्रवाई न होने पर अधिकारी भी होंगे निलंबित

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के अलावा जिला या अन्य स्थानीय सड़कों पर सरकारी भूमि पर होने वाले अतिक्रमणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई अधिकारी अतिक्रमण हटाने में विफल रहता है तो उसे बर्खास्त भी किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने यह आदेश जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 30 Oct 2024 09:39 AM (IST)
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अतिक्रमण को लेकर दिया बड़ा फैसला (फाइल फोटो)
विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों के अलावा जिला या अन्य स्थानीय सड़कों पर अथवा इसके किनारों के साथ सरकारी भूमि पर कोई अनधिकृत निर्माण और अतिक्रमण न हो। अतिक्रमण न हटाने वाले अधिकारियों पर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई होगी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश राकेश कैंथला की खंडपीठ ने जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किए।

अतिक्रमण को तुरंत हटाने के लिए उचित कदम उठाएं- हाईकोर्ट

कोर्ट ने कहा कि बेशक विवादित अतिक्रमण हटा दिए हैं फिर भी सभी संबंधित प्राधिकारियों को आदेश दिए जाते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग-पांच (पंजाब के फिरोजपुर से हिमाचल के शिपकी ला) पर और इसके आसपास अतिक्रमण, अनाधिकृत निर्माण या किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।

कोर्ट ने राजस्व, लोक निर्माण व नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, पंचायत, विशेष क्षेत्र विकास समिति, योजना क्षेत्र और अन्य स्थानीय स्व-निकायों के संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर या इनके इनके साथ की सरकारी भूमि पर अनधिकृत निर्माण व अतिक्रमण न हो।

इसका पता चलने पर तुरंत उच्च व सक्षम प्राधिकारी या अधिकारी को रिपोर्ट करें। इसके बाद सक्षम प्राधिकारी अनधिकृत निर्माण व अतिक्रमण को तुरंत हटाने के लिए उचित कदम उठाएं।

'सरकारी भूमि पर फिर से अतिक्रमण न हो'

संबंधित अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग या इसके साथ लगती सरकारी भूमि पर अनधिकृत संरचना व अतिक्रमण की पुनरावृत्ति न हो, जिसे पहले ही हटा दिया है। कर्तव्य का पालन करने में विफल रहने पर अवमानना कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

रिपोर्ट न करने या रिपोर्ट किए गए मामले की अनदेखी करने के लिए जिम्मेदार संबंधित अधिकारी अथवा कर्मचारी को सेवा से हटाने या बर्खास्तगी सहित विभागीय कार्रवाई के साथ कानून के अनुसार आपराधिक कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा।

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बिना परमिट दौड़ रहे वाहनों पर कार्रवाई का निर्देश

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा ने प्रदेश की प्रतिबंधित व बाधित सड़कों पर बिना परमिट दौड़ने वाले वाहनों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाधित व प्रतिबंधित सड़कों पर काफी संख्या में वाहन दौड़ रहे हैं।

इस संबंध में उन्होंने मंगलवार को डीआईजी रंजना चौहान, गृह विभाग के अधिकारियों व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बाधित व प्रतिबंधित सड़कों के लिए जारी किए परमिट का ब्यौरा भी लिया। अधिकारियों को कहा कि जितने परमिट जारी हुए हैं उससे अधिक वाहन ऐसी सड़कों पर दौड़ रहे हैं।

विशेष अभियान चलाकर ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी। इन सडकों पर बिना परमिट वाहन चलाने पर तीन हजार रुपये चालान का प्रविधान है। वाहनों को परमिट एडीएम के माध्यम से जारी किए जाते हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा ने बताया कि बाधित और प्रतिबंधित सड़कों पर बिना परमिट चलने वाली गाडियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।

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