Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Himachal Flood: हजारों मासूमों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता, भूस्खलन के बाद अब भू-कटाव का दंश झेल रहा हिमाचल

Himachal उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय राजमार्गों (शिमला-परवाणू और कीरतपुर-मनाली फोरलेन) की बहाली के मामले में सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। । प्रदेश में त्रुटिपूर्ण इंजीनियरिंग से बनाई जा रही सुरंगों सड़कों व पुलों से पहाड़ों का अनियोजित उत्खनन किया जा रहा है।

By Prince SharmaEdited By: Prince SharmaUpdated: Tue, 05 Sep 2023 05:00 AM (IST)
Hero Image
Himachal: आपदा से प्रभावित राजमार्ग होंगे दुरुस्त, मामले में अदालत ने की सुनवाई

शिमला, विधि संवाददाता। प्रदेश के विभिन्न भागों में क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय राजमार्गों (शिमला-परवाणू और कीरतपुर-मनाली फोरलेन) की बहाली के मामले में सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वर्चुअल माध्यम से अदालत के समक्ष पेश हुए। उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुए प्रदेश के राजमार्गों की बहाली के लिए उचित और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

अगली सुनवाई 22 सितंबर को निर्धारित की गई है।

कोर्ट को बताया गया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने हाई पावर कमेटी का गठन किया है, जिसमें आइआइटी रुड़की व मंडी के विशेषज्ञों के साथ एनएचएआइ के अनुभवी सदस्यों को शामिल किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को निर्धारित की गई है।

Himachal News: प्रदेश में आपदा से अब तक 8667 करोड़ का नुकसान, 159 सड़कें यातायात के लिए बंद

इंजीनियर की शिकायत पर अदालत ने मामले पर संज्ञान लिया है। श्यामकांत धर्माधिकारी की ओर से लिखे पत्र में आरोप लगाया गया है कि पहाड़ों के कटान से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। प्रदेश में त्रुटिपूर्ण इंजीनियरिंग से बनाई जा रही सुरंगों, सड़कों व पुलों से पहाड़ों का अनियोजित उत्खनन किया जा रहा है।

हजारों मासूमों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता

सड़कों में ढलान और अवैज्ञानिक तरीके से पुल और सुरंगों का निर्माण किया जाना नुकसान का कारण बनता है। अदालत को बताया गया कि हालांकि इंजीनियरिंग के बिना राष्ट्र निर्माण की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। आज के जमाने में इंजीनियरिंग और वास्तुकला की सख्त जरूरत है, लेकिन यदि इंजीनियरिंग और वास्तु कला में जरा सी भी त्रुटि पाई जाती है तो हजारों मासूमों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।

लगातार भूस्खलन आदि का कारण भूमि कटाव

तकनीक की कमी के कारण सड़क की रिटेनिंग दीवारें कमजोर हैं। जल निकासी के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। चिंता का विषय है कि तीन मीटर सड़क के दोनों तरफ की भूमि अतिरिक्त रूप से अधिग्रहित की गई है, जबकि शहरों और गांव में सर्विस लेन नहीं हैं, जिससे हादसे का खतरा रहता है। बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के कारण भूमि कटाव हुआ है जो लगातार भूस्खलन आदि का कारण बन रहा है।