हिमाचल में बंदरों के नसबंदी का दिखा असर, 13 साल में कम हो गई 1.81 लाख संख्या
हिमाचल प्रदेश Himachal Pradesh Monkey Population में बंदरों की नसबंदी का असर देखने को मिला है। 13 सालों में बंदरों की संख्या में 1.81 लाख की कमी आई है। 2007 में शुरू हुए नसबंदी कार्यक्रम के तहत अब तक 186501 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है। बंदरों के व्यवहार में भी बदलाव आया है और मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कमी आई है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में बंदरों की नसबंदी का असर देखने को मिला है। ये 13 साल में 1.81 लाख घटे हैं। नसबंदी कार्य वर्ष 2007 में शुरू किया गया था। वर्ष 2004 में बंदरों की संख्या 3.17 लाख थी, उसके बाद 2017 में इनकी संख्या 1.36 लाख पाई गई।
इस बीच बंदरों की नसबंदी का कार्य लगातार चलता रहा। वर्तमान में बंदरों की गणना का आकलन किया जा रहा है। उम्मीद है कि इसकी संख्या में और कमी आएगी, जिससे किसानों को राहत मिलेगी।
शिमला में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी एवं मुख्य वन्यजीव संरक्षक प्रभाग अमिताभ गौतम ने कहा कि नसबंदी कार्यक्रम चल रहा है। अब तक 1,86, 501 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है। इस पर 28 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
बंदरों के व्यवहार में बदलाव आया
बंदरों के व्यवहार में बदलाव आया है। शहरी क्षेत्रों में भोजन आसानी से उपलब्ध होने के कारण बंदर घरों की रसोई पर भोजन मांगने के लिए सुबह पहुंच जाते हैं।
बंदर और मनुष्य के बीच संघर्ष बढ़ा
लोग जंगलों के निकट बसना शुरू हो गए हैं। ऐसे में बंदर और मनुष्य के बीच में संघर्ष बढ़ा है। बंदरों के साथ-साथ तेंदुए व भालुओं के बीच भी मानवीय संघर्ष की घटनाएं समय-समय पर होने की घटनाएं सामने आती रहती हैं।
पिछले एक साल के दौरान जंगली जीवों के हमलों की 600 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। 162 जंगली जीवों को शिमला शहर के समीप स्थित राहत एवं पुनर्वास केंद्रों में लाया गया है।
प्रजनन केंद्र से 43 चैहड़ छोड़े गए
शिल्ली प्रजनन केंद्र में 50 चैहड़ हैं। यहां प्रजनन का कार्य 12 पक्षियों से शुरू किया था, अब तक 43 पक्षियों को जंगल में छोड़ा जा चुका है। इस प्रजनन केंद्र में अब भी 50 पक्षी हैं। तीन अक्टूबर को इस केंद्र से 10 पक्षियों को खुले आकाश में छोड़ा जाएगा। यह देश में पक्षियों का एकमात्र प्रजनन केंद्र है।
दो अक्टूबर को होगा स्वच्छता अभियान
वन विभाग दो से आठ अक्टूबर तक वन्य प्राणी सप्ताह, मानव वन्य जीव सह-अस्तित्व थीम पर मनाएगा। दो अक्टूबर को पोटर हिल में स्वच्छता अभियान आयोजित किया जाएगा। इसका शुभारंभ लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह करेंगे।
चार अक्टूबर को वन्य प्राणी कहानी सुनाने, पांच अक्टूबर को साइकिल रैली, छह अक्टूबर को मिनी मैराथन तथा सात अक्टूबर को सेमिनार व वेबिनार का आयोजन होगा। आठ अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू गेयटी थियेटर में आयोजित समापन समारोह में वन कर्मियों सहित लोगों को सम्मानित करेंगे।