Himachal News: आर्थिक संकट नया नहीं, 44 साल से कर्ज के बोझ तले दबा है हिमाचल; CM सुक्खू के कड़े फैसले दिलाएंगे राहत?
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश में पहली बार ऐसा नहीं हो रहा कि प्रदेश आर्थिक वित्तीय संकट से गुजर रहा है। प्रदेश कर्ज के तले तो पिछले 44 साल से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य को इस संकट से बाहर निकालने के लिए कई कदम उठाए हैं। क्या ये कदम कारगर साबित होंगे? जानिए इस लेख में।
प्रति व्यक्ति आय की स्थिति
प्रदेश सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय में वर्ष दर वर्ष वृद्धि का क्रम बना हुआ है। कोरोना काल के दो वर्ष में साढ़े तीन लाख सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश की 70 लाख से अधिक की जनसंख्या के लिए संकट का दौर था। इस विषय में अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग कई तरह के मानकों के साथ बाजार मूल्य का आकलन करके प्रति व्यक्ति आय निकालकर सामने रख देता है।प्रति व्यक्ति आय
- 2019-20: 186559 रुपये
- 2020-21: 177924 रुपये
- 2021-22: 202171 रुपये
- 2022-23: 222227 रुपये
- 2023-24: 235199 रुपये प्रस्तावित
पिछली सरकार में लिया गया फैसला
- 1993-1998, वीरभद्र सरकार, छह हजार करोड़,10 हजार करोड़
- 1998-2003, धूमल सरकार, सात हजार करोड़,17658.40 करोड़
- 2003-2007, वीरभद्र सरकार, 6500 करोड़, 23151.39 करोड़
- 2007-2012, धूमल सरकार, 8291 करोड़, 31442.56 करोड़
- 2012-2017, वीरभद्र सरकार, 19330 करोड़, 50772.88 करोड़
- 2017 से 2022, जयराम सरकार,1 8548 करोड़, 69320 करोड़
- 2022 से अब तक, सुखविंदर सिंह सुक्खू, 19269 करोड़, 88589 करोड़ पहुंच चुका है।
हमने प्रदेश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने का बीड़ा उठाया है। उस दिशा में उठाए गए कदमों से सरकार ने एक साल के भीतर ढाई हजार करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जुटाया है। गत वर्ष राज्य ने अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा का सामना किया और केंद्र सरकार अपने आकलन के बावजूद राज्य को 9200 करोड़ देने को तैयार नहीं है। खैर, फिर सभी सरकार और आम जनता आर्थिक संकट से पार पाने के लिए वित्तीय अनुशासन की राह पर चल रहे हैं।
- सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री।
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- जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री।