Himachal Pradesh News: छह सालों में हुआ सबसे अधिक नुकसान, सरकार को बजट की पूंजीगत धनराशि करनी पड़ेगी खर्च
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश में आई आपदा से लोग दहशत में हैं। सरकार को बजट की पूंजीगत धनराशि खर्च करनी पड़ेगी। बेशक केंद्र ने अभी तक एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के तहत प्रदेश को 700 करोड़ से अधिक की धनराशि जारी कर दी है। लेकिन अब तक हो चुके नुकसान को देखते हुए हिमाचल उत्तराखंड की केदारनाथ त्रासदी की तर्ज पर विशेष राहत पैकेज चाहता है।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Thu, 24 Aug 2023 09:42 PM (IST)
शिमला, राज्य ब्यूरो: हिमाचल प्रदेश को आपदा के जख्मों पर केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता की दरकार है। बेशक केंद्र ने अभी तक एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के तहत प्रदेश को 700 करोड़ से अधिक की धनराशि जारी कर दी है। लेकिन अब तक हो चुके नुकसान को देखते हुए हिमाचल उत्तराखंड की केदारनाथ त्रासदी की तर्ज पर विशेष राहत पैकेज चाहता है।
विकास में लगेगा एक साल से अधिक का समय
विशेष राहत पैकेज न मिलने की स्थिति में सीमित आर्थिक संसाधनों वाले हिमाचल में अधोसंरचना विकास में एक साल से अधिक का समय लगेगा। प्रदेश में बीते छह सालों में चालू मानसून सीजन में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। फिर चाहे पेयजल व सिंचाई योजनाएं हों, अथवा सड़कें व पुल आवासीय घर हों अथवा होटल व अन्य कारोबारी स्थल, बरसात व प्राकृतिक आपदा ने बहुत कुछ तबाह कर दिया है।
आसमान पर बादल घिरते ही सहमने लगे हैं लोग
तबाही का मंजर इतना खौफनाक है कि लोग अब आसमान पर बादल घिरते ही सहमने लगे हैं। खासतौर पर शिमला, सोलन, कुल्लू व मंडी जिलों में प्राकृतिक आपदा ने जो तबाही मचाई है उसे संभवत: प्रदेश की वर्तमान व भावी एक पीढ़ी तो नहीं भूल पाएगी।पूंजीगत बजट से चलेगा राहत एवं पुनर्वास कार्य केंद्र के विशेष राहत पैकेज के बिना प्रगति के पथ पर नित नई बुलंदियों को छू रहे हिमाचल में अधोसंरचना विकास के लिए सरकार को करीब 5650 करोड़ के पूंजीगत बजट से धन खर्च करना पड़ सकता है।
पूंजीगत बजट से धन खर्च करने की स्थिति में अन्य विकास कार्यों पर असर पड़ेगा। लिहाजा हिमाचल को केंद्रीय मदद का इंतजार है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार आपदा की स्थिति में पूंजीगत निवेश से जुड़ी धनराशि को आधारभूत ढांचागत के क्षेत्र में उपयोग कर सकती है।