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हिमाचल में PG करने वाले डॉक्टरों को मिलेगी पूरी तनख्वाह, दीवाली के मौके पर सुक्खू सरकार का बड़ा एलान

Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पीजी कोर्स सीनियर रेजीडेंसी (एसआरशिप) या डीएम-स्तर की पढ़ाई करने वाले चिकित्सकों को अध्ययन अवकाश के दायरे से बाहर करने का निर्णय लिया है। इससे पहले मंत्रिमंडल (Himachal Cabinet) के एक निर्णय में अध्ययन अवकाश पर जाने वालों का वेतन 40 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया था।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 25 Oct 2024 04:40 PM (IST)
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हिमाचल में डॉक्टरों के हित में सुक्खू सरकार का फैसला (जागरण फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के चिकित्सकों को दीपावली से पहले एक बड़ा लाभ दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने पीजी कोर्स, सीनियर रेजीडेंसी (एसआरशिप) या डीएम-स्तर की पढ़ाई करने वाले चिकित्सकों को अध्ययन अवकाश के दायरे से बाहर करने का निर्णय लिया है।

इससे पहले, मंत्रिमंडल के एक निर्णय में अध्ययन अवकाश पर जाने वालों का वेतन 40 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया था। इससे आगे की पढ़ाई करने वाले चिकित्सकों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था।

प्रदेश सरकार के इस निर्णय से अब पीजी कोर्स करने वाले चिकित्सकों को उनका पूरा वेतन मिलेगा और उनकी पढ़ाई को ऑन ड्यूटी माना जाएगा। प्रदेश में स्नातकोत्तर चिकित्सा विद्यार्थियों को अब अपने कोर्स के दौरान पूरा वेतन मिलेगा।

उन्होंने कहा कि चिकित्सक अपनी शैक्षणिक प्रतिबद्धताओं के साथ-साथ मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल संबंधी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी करते हैं। चिकित्सा क्षेत्र में उनके व्यावसायिक विकास और राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए दोनों के मध्य सामंजस्य महत्वपूर्ण है।

'मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल होगी सुनिश्चित'

प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सकों को पूरा वेतन प्रदान करने का उद्देश्य उनके समर्पण भाव को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनके प्रशिक्षण तथा लोगों केे लिए स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि करना है।

इससे मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित होगी और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली सुदृढ़ होगी जिससे प्रदेश के लोग लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू ने चिकित्सा अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ हाल ही में हुई बैठक में इनसे संबंधित मामलों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर त्वरित निर्णय लेने का आश्वासन दिया था।

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मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संबंधित मामलों का निवारण करने के निर्देश दिए थे जिसके उपरांत यह निर्णय लिया गया। स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान करते हुए, राज्य सरकार ने अब पीजी पाठ्यक्रम करने वाले चिकित्सकों के लिए पूर्ण वेतन देने को स्वीकृति प्रदान की है।

हिमाचल के हित में मुख्यमंत्री का फैसला: डॉ. राजेश

हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम करने वाले चिकित्सकों को पूर्ण वेतन प्रदान करने के राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय से चिकित्सकों की एक बड़ी चिंता का समाधान हुआ है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता के साथ मामले पर विचार-विमर्श किया और चिकित्सकों के हित में त्वरित समाधान किया है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के लिए चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया। इस निर्णय से चिकित्सकों का मनोबल और अधिक बढ़ा है।

यह निर्णय मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है, जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सुदृढ़ होगी।

इसके अतिरिक्त यह निर्णय राज्य भर में मजबूत स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में योगदान देगा क्योंकि चिकित्सक अपनी पीजी पढ़ाई पूरी करने के बाद राज्य के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर प्रदेश के समग्र स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत करेंगे।

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