खुशखबरी! अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगे शादी, जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र; CM सुक्खू ने किया एलान
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुक्खू ने एलान किया कि अब प्रदेश में पंचायतों की ओर से जारी किए जाने वाले शादी जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध करवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ग्रामीण विकास व पंचायतीराज विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोगों को विभिन्न सेवाएं घरद्वार के समीप सुगमता से उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में पंचायतों की ओर से जारी किए जाने वाले शादी, जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध करवाए जाएंगे। प्रदेश सरकार लोगों को विभिन्न सेवाएं घरद्वार के समीप सुगमता से उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ग्रामीण विकास व पंचायतीराज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
इस साल 300 लाख श्रम दिवस अर्जित करने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास से ही प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सकता है। इसलिए विभिन्न योजनाओं का सफल कार्यान्वयन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत वित्त वर्ष 2023-24 में 275 लाख श्रम दिवस अर्जित करने के लक्ष्य के मुकाबले 344.31 लाख अर्जित किए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में 300 लाख श्रम दिवस अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें अभी तक 214.51 लाख श्रम दिवस अर्जित किए जा चुके हैं।
शौचमुक्त बनाए जाएंगे इतने गांव
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 में 17,582 गांव खुले में शौचमुक्त प्लस मॉडल बनाए जाएंगे। अभी तक 9203 गांव खुले में शौचमुक्त प्लस मॉडल घोषित किए जा चुके हैं, जबकि 2347 गांव खुले में शौचमुक्त प्लस वेरीफाइड हैं। विभिन्न विकास खंडों में 32 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयों का निर्माण किया जा चुका है और 26 को कार्यशील कर दिया है। ऐसी इकाइयां सभी विकास खंडों में बनाई जाएंगी।अभी तक बनाए गए हैं 43,161 स्वयं सहायता समूह
प्रदेश में अभी तक 43,161 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं, जिन्हें समुचित आर्थिक सहायता दी जा रही है। प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के विक्रय के लिए 93 हिम ईरा दुकानें उपलब्ध करवाई गई हैं।वित्त वर्ष 2023-24 में इनमें 1.4 करोड़ रुपये के उत्पाद बेचे गए हैं। एसआरएलएम के अंतर्गत 80 सप्ताहिक बाजार भी लगाए जाते हैं, जिनमें वित्त वर्ष 2023-24 में 1.2 करोड़ रुपये के उत्पाद बेचे गए हैं।
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