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हिमाचल में 4 फीसदी DA की बढ़ोतरी के बाद कर्मचारी महासंघ की चार और मांगें, कहा- यह काफी नहीं अभी लिस्ट लंबी है

हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते की किश्त जारी करने और दिवाली से पहले वेतन व पेंशन जारी करने के लिए सरकार का आभार जताया है। कर्मचारियों का कहना है कि जो दिया गया है वह काफी नहीं है और उनकी मांगों की सूची अभी भी लंबी है। महासंघ ने चेतावनी दिया है कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती।

By Anil Thakur Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Tue, 15 Oct 2024 05:28 PM (IST)
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कर्मचारी महासंघ ने कहा कि जब तक सारी मांगी पूरी नहीं होती जारी रहेगा आंदोलन। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में चार प्रतिशत महंगाई भत्ते की किश्त जारी करने व दिवाली से पूर्व वेतन व पेंशन जारी करने के लिए सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने सरकार का आभार जताया है। कर्मचारियों ने कहा कि जो दिया है, वह काफी नहीं है, मांगों की सूची अभी लंबी है।

सचिवालय कर्मचारियों ने एनपीएस कर्मचारियों की तर्ज पर केंद्र द्वारा डीए जारी करते ही हिमाचल कर्मचारियों को भी डीए जारी करने की मांग उठाई ताकि देनदारियां लंबित न रहें। महासंघ ने कहा कि एनपीएस के लिए यह व्यवस्था लागू कर दी है।

महासंघ ने सरकार को दी चेतावनी

महासंघ ने सरकार को चेताया कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती। मुख्यमंत्री से बैठक का आश्वासन महासंघ को मिला है। मुलाकात के बाद महासंघ अपने आंदोलन की आगामी रणनीति तैयार करेगा। मंगलवार को हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी महासंघ की आमसभा का आयोजन हुआ।

6 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई को वापिस लेने की मांग भी उठाई। महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि कर्मचारी ही उनकी ताकत है। कर्मचारियों की मांगों को लेकर आंदोलन लड़ा। 6 नेताओं पर विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई चली है।

उनके खिलाफ छोटा शिमला थाना में मामला दर्ज करने की अर्जी दी गई है। उन्होंने कहा कि इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं है। खराब वित्तीय स्थिति के बावजूद कर्मचारियों को 600 करोड़ के वित्तीय लाभ दिलाए, इसकी खुशी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हक की लड़ाई वह आगे भी जारी रखेंगे।

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क्या हैं मांगे?

  • संशोधित वेतनमान का बकाया एरियर जारी किया जाए।
  • अनुबंध कर्मचारियों को पूर्व की तर्ज पर साल में दो बार नियमित किया जाए।
  • करुणामूलक के पात्र उम्मीदवारों को नौकरी दी जाए।
  • सचिवालय में खाली पदों को भरा जाए।
  • आउटसोर्स के बजाए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भर्ती की जाए।

'पदोन्नति की लड़ाई रहेगी जारी'

राज्य सचिवालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष टेकराम ने डीए की किश्त जारी करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर लड़ाई जारी रहेगी जब तक यह मांग पूरी नहीं हो जाती।

'एरियर भी जारी करे सरकार'

राज्य सचिवालय चालक संघ के अध्यक्ष अमरजीत ने कहा कि कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान के एरियर की बकाया राशि अभी तक जारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि डीए के बाद सरकार इसे भी जारी करें। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक सारी मांगे पूरी नहीं हो जाती।

'ठेकेदारी प्रथा बंद कर खाली पदों को भरे सरकार'

सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के महासचिव कमल शर्मा ने कहा कि सचिवालय में ठेकेदारी प्रथा को बंद कर भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत 600 खाली पदों को भरा जाए। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स आधार पर भर्ती मंजूर नहीं है। सरकार ने 350 पद भरने की मंजूरी दी है, इन्हें भरने की प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाए।

'एकजुट रहेंगे तो सभी मांगे मानेगी सरकार'

सचिवालय निजी सहायक व निजी सचिव एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बोधराज चंदेल ने कहा कि कर्मचारियों की एकजुटता के बाद ही डीए की मांग पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि एकजुट रहेंगे तो हर मांग पूरी होगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने आंदोलन के दौरान भी कामकाज में सरकार का सहयोग किया। उन्होंने विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई वापिस लेने की मांग उठाई।

'परिवार में नाराजगी चली रहती है'

अधिकारी एसोसिएशन की अध्यक्ष गीता शर्मा ने कहा कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर उतरे। एकजुट होकर लड़ाई लड़ी, जिसके नतीजे मांगे पूरी हुई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बड़े भाई है, परिवार में नाराजगी होती है।

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