174 लोगों ने गंवाई जान, 1613 करोड़ का नुकसान; मानसून की तबाही से त्रस्त हिमाचल ने केंद्र से मांगी मदद
Himachal Pradesh Disaster हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान आई प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disaster in Himachal) से भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को एक व्यापक ज्ञापन सौंपा है जिसमें अनुमानित नुकसान लगभग 1613.50 करोड़ रुपये बताया गया है। राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए केंद्रीय सहायता की मांग की है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने सचिवालय में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) के साथ एक डीब्रीफिंग बैठक की अध्यक्षता की। यह टीम इस मानसून के दौरान प्रदेश में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर थी।
ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर केंद्र सरकार को एक व्यापक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें बताया गया है कि प्रदेश में अनुमानित नुकसान लगभग 1,613.50 करोड़ रुपये का हुआ है।
मानसून के दौरान राज्य को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा और इस दौरान प्रदेश में भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ से सड़कें, सिंचाई योजनाएं और आवासीय क्षेत्र व्यापक स्तर पर से प्रभावित हुए।
उन्होंने कहा कि राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन की 46, बादल फटने की 12 और 39 बाढ़ जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिससे जान-माल को बहुत नुकसान हुआ।
आपदा से जुड़ी घटनाओं में 174 लोगों की गई जान
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में 174 लोगों की जान गई, जबकि 144 लोगों ने बारिश के कारण अपनी जान गंवाई। इसके अलावा लगभग 206 लोग घायल हुए, 31 लापता हैं और 222 पशुधन हताहत हुए।इस दौरान 1405 घरों और पशु आश्रय भी क्षतिग्रस्त हुए। प्रदेश सरकार द्वारा तत्काल क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की बहाली के लिए अनुमानित 621.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।उन्होंने कहा कि इस दौरान जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे को भी नुकसान हुआ। 5505 जल आपूर्ति योजनाएं, 1213 सिंचाई परियोजनाएं, 99 मल निकासी परियोजनाएं, 69 बाढ़ सुरक्षा कार्य और 57 हैंडपंप क्षतिग्रस्त हुए जिससे प्रदेश को 540.88 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा।
यह भी पढ़ें- Himachal News: मुख्यमंत्री की अनूठी पहल: समस्याएं सुलझाने आज से ग्रामीणों के द्वार जाएंगे सीएम सुक्खूओंकार शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार आपदा तैयारियों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में संभावित आपदाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बलों व स्थानीय समुदायों के साथ समन्वय स्थापित कर रही है।
उन्होंने केन्द्र सरकार से प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भौगोलिक स्थलाकृति के कारण राज्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अत्यान्त संवेदनशील है।
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