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Himachal Weather News: हिमाचल में एक सप्ताह तक बारिश की संभावना नहीं, सूखे से फसलों पर संकट

हिमाचल प्रदेश में एक हफ्ते तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। अक्टूबर में सूखे जैसी स्थिति रही और नवंबर में भी बारिश नहीं होने से फसलों पर संकट है। अभी तक केवल 5% क्षेत्र में ही रबी फसलों की बिजाई हुई है। शिमला में कल्पा से ज्यादा ठंड पड़ रही है। मनाली-लेह सहित जंस्कार और काजा मार्ग पर पानी जमने से सफर जोखिम भरा हो गया है।

By Yadvinder Sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 02 Nov 2024 11:40 AM (IST)
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हिमाचल में बारिश का इंतजार (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, शिमला। मौसम विभाग के अनुसार एक सप्ताह तक प्रदेश में वर्षा की कोई संभावना नहीं है। 2020 के बाद प्रदेश में अक्टूबर में सूखे जैसी स्थिति रही। प्रदेश में इस बार अक्टूबर में ऊना में आठ व मंडी में तीन मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि अन्य स्थानों पर वर्षा नहीं हुई है। नवंबर में भी ऐसी स्थिति रहने से फसलों पर संकट हो सकता है। साथ ही शुष्क ठंड के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं।

अधिकतम तापमान में आई गिरावट

प्रदेश में अब तक केवल पांच प्रतिशत क्षेत्र में ही रबी फसलों की बिजाई हुई है, जो वर्षा नहीं होने से प्रभावित हुई है। हालांकि, जिन स्थानों पर सिंचाई की सुविधा है वहां स्थिति ठीक है।

शुक्रवार को धूप खिलने के बावजूद अधिकतर स्थानों में अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। नारकंडा में 3.9, कल्पा में 2.8 व हमीरपुर में 2.7 डिग्री की वृद्धि हुई है। न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है।

कहां कितना तापमान रहा (डिग्री सेल्सियस)

स्थान न्यूनतम अधिकतम
शिमला 11.2 22.1
सुंदरनगर 8.9 29.4
धर्मशाला 15.3 27.0
ऊना 11.5 32.0
नाहन 15.9 26.8
केलंग 2.3 19.5
सोलन 10.5 28.0

कल्पा से अधिक शिमला में ठंड

इन दिनों कल्पा से अधिक ठंड शिमला में पड़ रही है। शिमला के अधिकतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट आई है और 22.1 डिग्री दर्ज किया गया। कल्पा के अधिकतम तापमान में 2.8 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई है और 23.6 डिग्री दर्ज किया गया।

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मनाली-लेह मार्ग पर पानी जमने से सफर जोखिम भरा हुआ

मनाली-लेह सहित जंस्कार व काजा मार्ग पर वाहनों की रफ्तार थमने लगी है। रोहतांग व बारालाचा दर्रे में हिमपात नहीं हुआ है, लेकिन पारा लुढ़कने से पानी जमने लगा है। इस कारण लेह मार्ग के बारालाचा, जंस्कार के शिंकुला व काजा के कुंजुम दर्रे में जोखिम बढ़ गया है।

परिवहन निगम ने इन मार्गों पर सेवा देना पहले ही बंद कर दिया है, लेकिन छोटे वाहनों की आवाजाही जारी है। हालांकि, पानी जमने से सफर जोखिम भरा हो गया है। हालांकि, मौसम साफ रहने से रोहतांग दर्रे सहित स्पीति के कुंजम दर्रे में वाहनों की आवाजाही सुचारू है।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अनुसार मनाली-सरचू सहित मनाली-जंस्कार व मनाली-काजा मार्ग पर मरम्मत कार्य जारी है, लेकिन लगातार गिर रहे तापमान के कारण दर्रों से काम समेटना शुरू कर दिया है। लेह से मनाली पहुंचे वाहन चालक टशी व दोरजे ने बताया कि सरचू, बारालाचा व भरतपुर के बीच सड़क पर बहने वाला पानी जमने लगा है।

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