Snowfall In Himachal: हिमाचल प्रदेश में बदला मौसम का मिजाज, बारालाचा पास सहित ऊंची चोटियों पर बर्फबारी शुरू
हिमाचल की ऊंची चोटियों शिंकुला बारालाचा ला तांगलांग ला में रविवार को हल्की बर्फबारी हुई। प्रदेश में धर्मशाला में सबसे अधिक 47 मिलीमीटर डलहौजी मे 16 व नारकंडा में चार मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। ताजा बर्फबारी व वर्षा के बाद तापमान में गिरावट आई है और ठंडक बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन तक पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Pradesh Snowfall Update हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों, शिंकुला, बारालाचा, तांगलांग ला में हल्की बर्फबारी हुई है। जबकि प्रदेश में धर्मशाला में सबसे अधिक 47 मिलीमीटर, डलहौजी मे 16 व नारकंडा में चार मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। ताजा बर्फबारी व वर्षा के बाद तापमान में गिरावट आई है और ठंडक बढ़ गई है। चार से छह डिग्री तक अधिकतम तापमान में गिरावट आई है।
सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण मनाली-लेह (Manali Leh Route) मार्ग के बारालाचा दर्रे (Baralacha La Pass) सहित तांगलांग ला में हिमपात का क्रम शुरू हो गया है। रविवार को दर्रों सहित मनाली व लाहौल की ऊंची चोटियों में हिमपात हुआ। दर्रों में हल्का हिमपात होने के बावजूद वाहनों की आवाजाही सुचारू है। लेकिन मौसम के तेवर ऐसे ही रहे तो सफर जोखिम भरा हो सकता है।
इससे पहले सितंबर में भी हिमपात लेह मार्ग पर राहगीरों की दिक्कत बढ़ा चुका है। सरचू में बीआरओ के अस्थायी ट्रांजिट कैंप सहित पुलिस की चौकी अभी स्थापित है। लेह से मनाली पहुंचे वाहन चालक नरेंद्र व दोरजे ने बताया कि ऊंची चोटियों में हिमपात हो रहा है। रविवार को दोपहर बाद हल्का हिमपात शुरू हो गया है। एसपी लाहौल स्पीति मयंक चौधरी ने बताया कि सभी मार्गों पर वाहनों की आवाजाही सुचारू है।
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मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार सभी जिलों में आंधी व आसमानी बिजली व वर्ष को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी तीन दिनों तक पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा। रविवार को सुबह से ही बादलों के छाने के साथ वर्षा का क्रम रुक-रुक कर जारी रहा।
कितनी सड़कें बंद?
प्रदेश में अधिकतम तापमान में सबसे अधिक गिरावट बिलासपुर में 6 डिग्री, सोलन में पांच, डलहौजी में 4.6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश में एक एनएच सहित 128 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक नुकसान का आकलन 8661.68 करोड़ पहुंच गया है। अभी तक 432 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है। जिसमें से 145 लोगों की मौत भूसखलन, बाढ़ और बादल फटने के कारण हुई है।
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