Himachal Pulses Rate: गरीब की थाली से गायब हुई दाल, आसमान छू रही अरहर की कीमत; देखें ताजा रेट
हिमाचल प्रदेश में अरहर की कीमतों में खासा इजाफा देखने को मिल रहा है। शिमला के गंज बाजार में दाल की कीमतों में होते इजाफे को लेकर व्यापारी ने बताया कि बढ़ती गर्मी के कारण फसलों के उत्पादन में कमी आ रही है। वर्षा के अभाव में कई फसलें नष्ट हो रही हैं। पिछले एक-दो माह से दालों की कीमतों में केवल दो से पांच रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
जागरण संवाददाता, शिमला। अरहर दाल ने सांबर का जायका बिगाड़ कर रख दिया है। दाल के मूल्य में एका-एक 20 रुपये की वृद्धि होने से सांबर का मजा किरकिरा कर दिया है। गत माह अरहर की दाल की कीमत 180 रुपये प्रति किलो थी जो अब 200 रुपये पहुंच गई है।
शिमला के गंज बाजार में थोक विक्रेता सुंदर लाल ने बताया कि बढ़ती गर्मी के कारण फसलों के उत्पादन में कमी आ रही है। वर्षा के अभाव में कई फसलें नष्ट हो रही हैं। पिछले एक-दो माह से दालों की कीमतों में केवल दो से पांच रुपये की वृद्धि हुई है।
लेकिन यदि मौसम का यही हाल रहा तो कुछ ही समय में दालों की कीमतें आसमान छूने लगेंगी जो कि आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। इसका प्रभाव हाल ही में अरहर की दाल पर पड़ा है।
200 रुपए पहुंची अरहर की कीमत
मई महीने में जो अरहर की दाल 180 रुपये किलो मिल रही थी, मौजूदा समय बढ़कर 200 रुपये किलो हो गई है।
वहीं भारतीय रसोई की शान है दालें। निम्न, मध्यम व उच्च हर वर्ग में खाने में दालों का प्रयोग जरूर किया जाता है।
खाने की थाली में सबसे अहम हिस्सा मानी जाने वाली अरहर दाल रसोई का बजट बिगाड़ रही है। यदि इस तरह सभी दालों के दाम में वृद्धि हुई तो महिलाओं का पूरा बजट घर की रसोई में ही खतम हो जाएगा।
गंज बाजार में खरीदारी करने आई गीता ने बताया कि लगातार बढ़ रही अरहर की दाल की कीमत की वजह से रसोई का सारा बजट बिगड़ गया है।
दोपहर के खाने में पकने वाली दाल रसोई से दूर हो गई है। अन्य दालों का प्रयोग करके देखा, लेकिन जो स्वाद अरहर की दाल में है वह अन्य दालों में नहीं।
रामबाजार की रहने वाली कुसमा ने बताया कि अरहर दाल प्रोटीन के मामले में सबसे अच्छी दाल है। घर में बच्चों सहित सभी सदस्य अरहर की दाल को पसंद करते हैं। लेकिन महंगी होने के कारण मुश्किल खरीदारी करना मुश्किल हो रहा है।
खाने में जरूर बनती है दाल
राजधानी शिमला में अधिकतर लोग पहाड़ी इलाकों के रहते हैं, जो आमूमन रात के खाने में दाल-चावल ही खाते हैं।
वहीं महिलाओं की सबसे मनपसंद दाल है अरहर, क्योंकि इसमें पौष्टिक गुण अधिक मात्रा में पाए जाते हैं और सभी दालों से कम समय में पक कर तैयार हो जाती है। यह दाल बच्चों से लेकर बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है और आसानी से पच भी जाती है।
बच्चों की पहली पसंद अरहर की दाल
अरहर की दाल में जितनी गुणकारी है उतनी ही हर घर में पसंद भी की जाती है। बच्चों के लिए इसे अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है। इस दाल से सबसे अधिक प्रयोग सांबर, पाव भाजी में किया जाता है जो बच्चों को बहुत भाता है।
सांबर व पाव भाजी में हर तरह की सब्जियां डालकर महिलाएं बनाती हैं जिसे बच्चे उंगलियां चाट-चाटकर खाने का आनंद लेते हैं।
और भी बढ़ सकते हैं दालों के दाम
थोक विक्रेता सुंदर लाल का कहना है कि यदि मौसम की ऐसी ही बेरुखी रही तो आगामी दिनों में अन्य दालों के दाम में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
गर्मी के कारण खेतों में ही फसलें नष्ट हो रही हैं। वर्षा न होने से दालों का उत्पादन कम हो रहा है इससे दाम बढ़ रहे हैं जो स्वाभाविक भी है।
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